MP Weather Today: भीषण ओलावृष्टि से आधा दर्जन से ज्यादा मोर की मौत, फसल बर्बाद होने से किसानों की भी बढ़ी चिंता

MP Weather News: मध्य प्रदेश में प्रकृति की मार से हर कोई बेहाल है. यहां छतरपुर जिले के राजनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गत नांद ग्राम में हुई ओलावृष्टि की वजह से एक ओर किसानों की फसलें चौपट हो गई है. वहीं, दूसरी ओर आधा दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय पक्षी मोर की भी दर्दनाक मौत हो गई.

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MP Weather Update: मध्य प्रदेश में लगातार हो रही भीषण ओलावृष्टि से खेतों में लगी रबी की फसल खराब होने से किसानों की कमर टूट गई है. वहीं, ये ओलावृष्टि बेजुबान पक्षियों के लिए भी कहर साबित हो रही है. मध्य प्रदेश के छतरपुर में  रविवार को   भीषण ओलावृष्टि की जद में आकर मारे गए आधा दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय पक्षी मोरों के शव खेतों में बिखरे पड़े मिले.

मध्य प्रदेश में प्रकृति की मार से हर कोई बेहाल है. यहां छतरपुर जिले के राजनगर तहसील क्षेत्र अंतर्गत नांद ग्राम में हुई ओलावृष्टि की वजह से एक ओर किसानों की फसलें चौपट हो गई है. वहीं, दूसरी ओर आधा दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय पक्षी मोर की भी दर्दनाक मौत हो गई. यहां खेतों में जगह-जगह मोर के शव बिखरे पड़े हैं. वहीं, कुछ शवों को जानवरों ने अपना निवाला बना लिया है. इस बीच ग्रामीणों का आरोप हैं कि वन विभाग का कोई भी कर्मचारी अब तक मौके पर नहीं पहुंचा है.

वन विभाग बेखबर

दरअसल, बीती रात से राजनगर तहसील अंतर्गत आने वाले इलाके में एकाएक मौसम खराब होने की वजह से तेज बारिश और भीषण ओलावृष्टि हुई. इसकी चपेट में आने से नांद ग्राम में आधा दर्जन से ज्यादा राष्ट्रीय पक्षी मोर की भी मौत हो गई. एक साथ इतनी बड़ी तादाद में हुई मोरों की मौत से पूरे ग्राम में सनसनी फैल गई है. नांद ग्राम पंचायत निवासी नीतेश गोलू यादव का कहना है कि ओलावृष्टि की वजह से लगभग एक दर्जन मोरों की मौत हो गई है. उन्होंने बताया कि ये इलाका लवकुश नगर रेंज में आता है, लेकिन अब तक कोई भी वन विभाग का आधिकारी या कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा है. इस मामले में जब एनडीटीवी संवाददाता अरविंद तिवारी ने वन विभाग के छतरपुर एसडीओ से बात की, तो उन्होंने बताया कि आप से मुझे सूचना मिल रही है. मैं जल्द ही वन विभाग की टीम को लेकर मौके पर पहुंच रहा हूं, जो भी मौके परिस्थिति होगी, उस पर उचित निर्णय लिया जाएगा.

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फसलें भी हुई चौपट

ओलावृष्टि से पक्षियों की मौत के साथ ही खेतों में दलहन, तिलहन और गेहूं की फसल भी चौपट हो गई है. हालात ये है कि ओलावृष्टि के बाद खेतों का जायजा लेने पहुंच रहे किसान फसलों की बर्बादी को देखकर अपने आंसू नहीं रोक पा रहे हैं. रोते-बिलखते किसानों को अब सरकार से ही मुआवजे की आस है. अब देखना ये होगा कि अपने उत्पादों के उचित मूल्य 'एमएसपी' की लड़ाई लड़ रहे किसानों को सरकार किस हद तक मदद करती है. 

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