Satna MP Election : एक तरफ जिला निर्वाचन कार्यालय (District Election Office) शत प्रतिशत मतदान के लिए तमाम अभियान चला रहा है तो दूसरी ओर कई गांवों में मतदान का बहिष्कार चिंता का सबब बना हुआ है. सतना (Satna) जिले के रैगांव विधानसभा का ऐसा ही एक गांव है तेंदुनी मोटवा जहां पर सड़क की समस्या का निदान नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने अपने घरों पर 'रोड नहीं तो वोट नहीं' का नारा लिख दिया. पंचायत के लिए लोगों ने कई बार जिला प्रशासन से आग्रह किया, लेकिन यहां से सिर्फ दुत्कार मिली जिसके चलते गांव के लोगों ने एक राय होकर विधानसभा 2023 (Assembly 2023) में वोटिंग नहीं करने का मन बना लिया.
गांव में मतदान का बहिष्कार किए जाने की खबर मिलते ही कलेक्टर सतना के निर्देश पर नागौद तहसील के तहसीलदार सौरभ मिश्रा ग्रामीणों को समझाने पहुंचे. उन्होंने चौपाल कर ग्रामीणों को मतदान के लिए रिझाने की कोशिश की. वहीं ग्रामीण अभी भी अपने फैसले पर अडिग हैं. उन्होंने साफ कहा कि जब भी चुनाव का वक्त आता है आश्वासनों की चाशनी चटाई जाती है इससे समस्या का कोई निदान नहीं होता.
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'पढ़ने नहीं जा पाती बेटियां'
तेंदुनी मोटवा ग्राम पंचायत है, जहां पर मतदाताओं की संख्या 900 से अधिक है. पन्ना जिले के देवेन्द्र नगर से मात्र दस किमी की दूरी और सतना जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी की दूरी पर बसा यह गांव आज भी पहुंच मार्ग के लिए तरह रहा है. गांव और मुख्यमार्ग से जुड़ने के लिए करीब सात किमी सड़क की आवश्यकता है. यहां विडंबना यह है कि सड़क के लिए कोई फारेस्ट लैंड के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. फारेस्ट लैंड पर सड़क बनाने की अनुमति नहीं मिलने से सुदूर सड़क के लिए 28 लाख रुपए मंजूरी का प्रस्ताव जिला पंचायत में ठंडे बस्ते पर पड़ा है. वहीं सड़क नहीं होने से इस गांव की लड़कियां कक्षा आठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ देती हैं.
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2014 में भी हुआ था बहिष्कार
मतदान का बहिष्कार कर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने वाली पंचायत तेंदुनी मोटवा जब मड़ई पंचायत का हिस्सा थी तब भी 2014 में मतदान का बहिष्कार हुआ था. बहिष्कार के बावजूद करीब 80 वोट ग्रामीणों ने डाल दिए थे जिसमें से 67 मत भाजपा को मिले थे. यहां के गांव वाले मूल रूप से भाजपा के परंपरागत वोटर हैं फिर भी विकास के मामले में उनके गांव की अपेक्षा लगातार होती रही. सांसद और विधायक आश्वासन देते रहे लेकिन उनकी समस्या की ओर किसी ने पलट कर नहीं देखा. 'रोड नहीं तो वोट नहीं' के मामले में सुनवाई करने पहुंचे तहसीलदार ने फिलहाल उन्हें सीएसआर मद से सड़क बनवाने का आश्वासन दिया है. वहीं सड़क के लिए जमीन उपलब्ध कराने की भी बात कही है.