MP में मतदाता सूची का 'शुद्धिकरण': 8 लाख से ज्यादा मिले मृत वोटर, 22 लाख ने बदला ठिकाना

MP Voter List Clean up: MP में SIR प्रक्रिया के दौरान चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. जॉइंट चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर राम प्रताप सिंह जादौन के मुताबिक, प्रदेश में लगभग 8.40 लाख मतदाता मृत पाए गए हैं, जबकि 22 लाख से ज्यादा मतदाता अपने पते से शिफ्ट हो चुके हैं.

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MP SIR Process: मध्य प्रदेश में SIR यानी वोटर लिस्ट को सुधारने (Special Information Revision) के लिए चल रहे बड़े अभियान में हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है. चुनाव आयोग जब घर-घर जाकर वोटरों की जानकारी जुटाने निकला, तो पता चला कि लाखों की संख्या में ऐसे लोग वोटर लिस्ट में शामिल हैं जो अब इस दुनिया में ही नहीं हैं या फिर अपना घर छोड़कर कहीं और जा चुके हैं. जॉइंट चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर राम प्रताप सिंह जादौन के मुताबिक, प्रदेश में लगभग साढ़े 8 लाख मतदाता मृत पाए गए हैं, जबकि 22 लाख से ज्यादा मतदाता अपना पुराना घर छोड़ चुके हैं. 

क्या खुलासे हुए जांच में?

जॉइंट चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर राम प्रताप सिंह जादौन ने बताया कि वोटर लिस्ट की जांच (SIR प्रक्रिया) का पहला हिस्सा 18 दिसंबर को पूरा हो गया है. इस जांच में जो आंकड़े मिले हैं, वो चौंकाने वाले हैं. प्रदेश में करीब 8 लाख 40 हजार वोटर मृत पाए गए हैं, यानी ये वो लोग थे जिनके नाम अभी तक लिस्ट में चल रहे थे लेकिन उनकी मौत हो चुकी है.इसके अलावा, करीब 22.50 लाख लोग ऐसे मिले जो अपना पुराना पता छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो गए हैं.आयोग को यह भी पता चला कि करीब 2.50 लाख वोटर ऐसे हैं जिनके नाम पहले से ही लिस्ट में जुड़े हुए हैं.

23 दिसंबर को आएगी पहली लिस्ट

अब आयोग इन सभी नामों को लिस्ट से हटाने या सुधारने की तैयारी कर रहा है. 23 दिसंबर को वोटर लिस्ट का पहला ड्राफ्ट (कच्ची सूची) जारी किया जाएगा. अगर किसी का नाम 2003 के रिकॉर्ड के हिसाब से नहीं मिलता या कोई कमी रहती है, तो चुनाव अधिकारी (ERO) उन्हें बाकायदा नोटिस भेजेंगे. चुनाव आयोग के अधिकारी ने बताया-इसका मकसद यह है कि किसी भी असली वोटर का नाम गलती से न कटे और किसी गलत आदमी का नाम लिस्ट में न रहे.

फरवरी में मिलेगी फाइनल वोटर लिस्ट

आयोग का दावा है कि वोटर लिस्ट को पूरी तरह साफ-सुथरा करने का यह काम फरवरी तक पूरा हो जाएगा. सभी सुधारों और नोटिस की प्रक्रिया के बाद फरवरी में फाइनल वोटर लिस्ट जारी कर दी जाएगी. निर्वाचन आयोग की इस मेहनत के बाद मध्य प्रदेश के पास एक ऐसी लिस्ट होगी, जिसमें कोई गड़बड़ी नहीं होगी. हालांकि ये दावे कितने सही हैं वो तो फाइनल लिस्ट आने के बाद ही पता चलेगा.

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