MP Vidhan Sabha News: मध्यप्रदेश विधानसभा में परिवहन विभाग को लेकर ध्यानाकर्षण पर चर्चा हुई. इसमें कांग्रेस विधायकों ने जमकर नारेबाजी की और सदन में जमकर हंगामा देखने को मिला. सदन के बाहर भी कांग्रेस का प्रदर्शन देखने को मिला. कांग्रेस ने कहा- उठो कुंभकर्ण, जनता परेशान है. उठो कुंभकर्ण, प्रदेश बेहाल है. जनता से मुंह मोड़कर कुंभकर्ण की नींद सो रही बीजेपी सरकार बेतहाशा अपराधों, परेशान जनता और बेलगाम अफसरशाही के शोर से भी उठने को तैयार नहीं है. नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने सरकार की कुंभकर्णी निद्रा के विरोध में विधानसभा सदन में प्रदर्शन किया.
सदन के अंदर क्या कुछ हुआ?
सदन के अंदर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उप नेता हेमंत कटारे और विधायक प्रताप ग्रेवाल ने ध्यानाकर्षण के दौरान परिवहन विभाग के चेक पोस्ट और चेक नाकों में अवैध वसूली का मुद्दा उठाया. इसके साथ ही सौरभ शर्मा केस पर भी सरकार को घेरा नेता प्रतिपक्ष ने कहा भोपाल के मेंडोरी में सोने से भरी कार और करोड़ों का कैश किसका था अब तक पता नहीं चला.
मंत्री ने कहा कि सौरभ शर्मा ने अनुकंपा नियुक्ति के शपथ पत्र में यह जानकारी नहीं दी थी कि उनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में पहले से है. अलग-अलग एजेंसी के जांच के दौरान सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में पदस्थ नहीं था. वहीं प्रदेश में वाहन चेंकिग की पारदर्शी व्यवस्था लागू करने का हमने फैसला लिया. 1 जुलाई से सभी परिवहन चेक पोस्ट बंद किये जा चुके हैं. फिलहाल चेकिंग पॉइंट संचालित किए जाने का कोई स्थान निर्धारित नहीं है, आकस्मिक चेकिंग कर चालानी कार्रवाई की जा रही है, इसलिए अवैध वसूली की बात गलत है.
विपक्ष ने फिर उठाया सवाल
उमंग सिंघार ने कहा अभी भी वसूली हो रही है. तात्कालीन ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को हटा दिया गया, क्या इससे भ्रष्टाचार खत्म हो जाएगा? क्या ग्वालियर के परिवहन अधिकारी पर FIR हुई ? उस समय के ACS पर कार्रवाई हुई, नहीं हुई. लोकायुक्त ने कहा उसे सोने से भरी गाड़ी और पैसे नहीं मिले, IT आकर कार्रवाई करती है. गाड़ी किसकी है यह पता है, गाड़ी के कागज भी हैं लेकिन सोना किसका है? यह नहीं पता. अब तक के परिवहन मंत्री और उनके स्टाफ की जांच क्यों नही हुई? उनके CDR क्यों चेक नहीं हुए हैं.
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सदन में जिन लोगों पर आरोप लगाया जा रहा है, उनके नाम की सूचना पहले से नहीं दी गई, जिससे मंत्री तैयारी कर सकें. सदन में इसके पहले इस तरह की व्यवस्था दी गई है, मेरा निवेदन है कि सीधे विषयवस्तु पर बात करें, अनर्गल आरोप न लगाएं. लोकायुक्त से संबंधित सवाल यहां नहीं पूछे जा सकते हैं, अगर लोकायुक्त की कोई रिपोर्ट है तो उस पर चर्चा करें. कोई मामला लोकायुक्त में विचाराधीन है, तो उस पर क्या बात करेंगे? लोकायुक्त से संबंधित सवाल यहां नहीं पूछे जाते.
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उमंग सिंघार ने कहा सारी जानकारी है फिर भी यह नहीं पता चल रहा है सोना किसका है? इनकम टैक्स, DRI जांच कर रही है. नेता प्रतिपक्ष ने यह मांग की कि सभी की CDR सामने आए. हमें जांच एजेंसियों पर संदेह है. CBI जांच या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच हो, सदन की कमेटी बनाई जाए.
परिवहन मंत्री ने दिया जवाब
परिवहन मंत्री ने सदन में कहा सौरभ शर्मा मामले में छापे में कोई डायरी बरामद नहीं हुई. जब डायरी बरामद नहीं हुई तो उसमें जिक्र नामों की जांच कैसे होगी? इसके पहले भी जांच एजेसियों ने कई मामले में जांच कर दूध का दूध पानी का पानी किया है. समान किसका है इस मामले की जांच, जांच एजेंसी कर रही है. जांच के बाद सबको पता चलेगा. परिवहन विभाग जांच नहीं कर रहा है हमसे जो सहयोग मांगी जाएगी हम सहयोग करेंगे. परिवहन विभाग के आरक्षक सौरव शर्मा वीआरएस ले चुका था. इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं की. विभाग बहुत सारे विषयों पर काम कर रहा है. चेक पॉइंट से लेकर बहुत सारे परमिट के इश्यू रहते हैं. पारदर्शी व्यवस्था के साथ प्रदेश में लागू हो. बॉडी वार्म कैमरा भी लगा रहे हैं. चेकप्वाइंट की मॉनिटरिंग के लिए एक सिस्टम तैयार किया जा रहा है. पोर्टल को भी लगातार अपडेट कर रहे हैं. वाहन मालिक और लोगों की सुविधा के हिसाब से काम कर रहे हैं.
परिवहन मंत्री ने कहा कि सक्षम एजेंसी जांच कर रही है जब तक उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आएगी तब तक किसी और एजेंसी. तक उनकी रिपोर्ट सबमिट नहीं हो जाती, तब तक इस पर चर्चा विस्तार से की जाएगी. इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा क्या सरकार सीबीआई को जांच सौंपेंगी. इतनी सारी एजेंसी जांच कर रही हैं, इस पर सरकार का पक्ष आना चाहिए.
उपनेता प्रतिपक्ष हेंमत कटारे ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि काला धन लेकर आएंगे और सभी के खाते में 15-15 लाख रुपये आएंगे. विधानसभा से मुझे जो जवाब मिला उसमें कई नोटशीट गायब कर दी गईं. कुछ नोटशीट ब्लैंक आए हैं. इस तरह के जवाब नहीं आने चाहिए. सौरभ शर्मा का नियुक्ति पत्र मेरे पास है, इस नियुक्ति पत्र में लिखा है निज सहायक माननीय मंत्री जी सूचनार्थ यह मंत्री कौन थे पता लगाया जा सकता है. कलेक्टर को पत्र प्रेषित किये जाने का जिक्र है, यह नोटशीट जिस पत्र आधार पर लिखा गया उसकी एक कॉपी सौरभ शर्मा, कलेक्टर और CMO को भेजी गयी फिर भी मंत्री का प्रेम था.
इस पर अध्यक्ष ने टोकते हुए कहा नियुक्ति की बजाय विषय पर केन्दित हों. तब हेमंत कटारे ने कहा सौरभ शर्मा 'माननीय' के संपर्क में आया वह ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति तक करवाता था. फर्जी अनुकम्पा नियुक्ति मंत्री ने खुद स्वीकार किया. जिस नोटशीट के आधार पर नियुक्ति हुई थी उसपर कार्रवाई होगी ? एक मंत्री ने एक भी नोटशीट आने पर सन्यास की बात कही थी वह कब लेंगे.
इस पर परिवहन मंत्री ने जवाब दिया कि योग्य स्थान अनुसार कलेक्टर नियुक्ति करते हैं. प्रक्रिया में कोई संदेह नहीं है. अब जांच में जब शपथ पत्र में कुछ बातें गलत है तो हमने पुलिस विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. इसके बाद कांग्रेस का वॉक आउट हुआ, सोने की बिस्किट लेकर प्रदर्शन किया और CBI जांच की मांग उठायी गई.
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