MP Toxic Cough Syrup Case: उज्जैन में बुधवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग अचानक अलर्ट मोड में दिखा। वजह थी, छिंदवाड़ा और बैतूल जिलों में जहरीले कफ सिरप से हुई मासूम बच्चों की मौतें। इन घटनाओं के बाद सरकार ने निर्देश जारी किए और उज्जैन प्रशासन ने शहर भर में मेडिकल दुकानों और क्लिनिकों की जांच शुरू कर दी।
फ्रीगंज इलाके में टीम ने की जांच
सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल ने अपनी टीम के साथ फ्रीगंज इलाके में कई शिशु रोग विशेषज्ञों के क्लिनिक और दर्जनों मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया। टीम प्रतिबंधित सिरप की तलाश में थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जहरीली दवाएं यहां न बिकें। जांच के दौरान दो दुकानों से संदिग्ध सिरप बरामद हुए जिन्हें लैब जांच के लिए भेजा गया है।
प्रतिबंधित सिरप की तलाश जारी
राज्य भर में जहरीले कफ सिरप से अब तक 20 बच्चों की मौत हो चुकी है, जिससे पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा हुआ है। सरकार ने कुछ सिरप पर प्रतिबंध लगाया है और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की है। उज्जैन में प्रशासन यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि प्रतिबंधित ब्रांड की दवाएं दुकानों में न पहुंचें।
डॉक्टरों के क्लिनिक और मेडिकल स्टोर्स की जांच
फ्रीगंज में टीम ने पाटीदार मेडिकल, केयर एंड क्योर मेडिकल और डॉ. रवि राठौर के क्लिनिक पर जाकर रिकॉर्ड चेक किए। अधिकारियों ने दवा के बिल और स्टॉक की जांच की, लेकिन किसी भी जगह पर “कोल्ड्रिफ” या “रिलीफ” जैसे प्रतिबंधित सिरप नहीं मिले। टीम ने सभी मेडिकल संचालकों को सख्त चेतावनी दी कि वे प्रतिबंधित सिरप की बिक्री न करें।
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दो दुकानों से सैंपल लिए गए
जांच दल ने पुराने शहर के मुसद्दीपुरा स्थित सुनील मेडिकल स्टोर और छत्री चौक के शंकर मेडिकल स्टोर से तीन कफ सिरप के नमूने लिए। इन सैंपलों को जांच के लिए लैब भेजा गया है। वहीं, बाकी मेडिकल दुकानों से भी अवमानक दवाओं की जानकारी ली गई।
“जांच लगातार जारी रहेगी” — सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल ने बताया कि मंगलवार को भी करीब 20 मेडिकल स्टोर्स पर छापे मारे गए थे। जांच आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सभी संचालकों को स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि अगर कोई प्रतिबंधित दवा बिकती पाई गई, तो कड़ी कार्रवाई होगी।