SIR के ऐलान के साथ ही गरमाई सियासत, कांग्रेस ने इसे भाजपा को फायदा पहुंचाने वाला कदम करार दिया

SIR पर कांग्रेस पार्टी पैनी नजर रखेगी. लोकतंत्र, संविधान और मताधिकार कांग्रेस की देन ही है, ऐसे में सभी नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए भी हम लड़ेंगे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एसआईआर को सुप्रीम कोर्ट का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन बताया.

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MP SIR News: मध्य प्रदेश में SIR के ऐलान के साथ ही सियासत भी शुरू हो गई है. SIR को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि चुनाव आयोग और और BJP की मिलीभगत को देखते हुए SIR को लेकर मध्य प्रदेश सजग है.

SIR पर कांग्रेस पार्टी पैनी नजर रखेगी. लोकतंत्र, संविधान और मताधिकार कांग्रेस की देन ही है, ऐसे में सभी नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए भी हम लड़ेंगे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एसआईआर को सुप्रीम कोर्ट का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन बताया.

'सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आयोग ने किया दरकिनार'

दिग्विजय ने बीजेपी सरकार और चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि आयोग सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का भी पालन नहीं कर रहा हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि इसका सीधा फायदा भाजपा को हो रहा है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में आधार कार्ड को मान्य पहचान पत्र माना जाए, लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक इसे पूरे देश में लागू करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया है. उन्होंने इसे “सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन” करार दिया.

उपमुख्यमंत्री ने SIR को बताया सामान्य प्रक्रिया  

SIR पर डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि यह सामान्य प्रक्रिया है. यह तो होना चाहिए. यही वजह है कि 12 राज्यों में यह प्रक्रिया पूरी की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया पर किसी प्रकार का कोई संदेह नहीं होना चाहिए. वहीं, कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि कांग्रेस नेता विचलित होकर बात करते हैं. वे हमेशा दोषारोपण की बात करते हैं,यह कांग्रेस का भ्रम है. देवड़ा ने कहा कि भाजपा के बढ़ते जनाधार के कारण कांग्रेस के नेता विचलित होकर इस तरह के बयान दे रहे हैं.

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भाजपा ने SIR को बताया जरूरी

हालांकि भाजपा चुनाव आयोग के एफआईआर कराने के फैसले का बचाव किया. बीजेपी विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि SIR जरूरी है. इससे जिन लोगों के नाम अब तक नहीं जुड़े हैं, उनके नाम मतदाता सूची में जुड़ सकेंगे. वहीं, जहां ऐसे लोगों के नाम दर्ज हैं, जो वहां नहीं रहते हैं वह काटे जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमने अपने करीब 65 हज़ार BLA की जानकारी चुनाव आयोग को सौंपी हैं.

चुनाव आयोग ने शुरू की प्रक्रिया

दरअसल, मध्य प्रदेश में 21 साल बाद मतदाता सूची की पूरी जांच यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) शुरू हो गई है. इस संबंध में चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस बार हर मतदान केंद्र पर 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे. प्रदेश में इस समय करीब 5 करोड़ 74 लाख मतदाता हैं. लिहाजा, कुल 72 हजार मतदान केंद्र होंगे.

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घर-घर जाएंगे बीएलओ

अब बूथ लेवल अधिकारी (BLO) हर घर जाएंगे और मतदाताओं की जानकारी फॉर्म के जरिए लेंगे. हर BLO कम से कम तीन बार घर जाकर यह सुनिश्चित करेगा कि कोई मतदाता छूट न जाए. मृत, विस्थापित या जिनके नाम दो जगह दर्ज हैं, उनके खिलाफ BLO कार्रवाई करेंगे. मतदाता को फॉर्म में अपनी जानकारी खुद भरनी होगी. प्रेस कांफ्रेंस के मुख्य चुनाव पदाधिकारी ने कहा कि इस दौरान अगर कोई गलत जानकारी देता, जैसे दो जगह नाम दर्ज करवाया तो उसे एक साल की सजा या जुर्माना भी हो सकता है, या दोनों एक साथ.

ऐसे होगा एसआईआर

उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के लिए 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक ट्रेनिंग होगी. इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक BLO घर-घर जाकर फॉर्म बांटेंगे और भरवाएंगे. 9 दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची जारी होगी, जबकि 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां ली जाएंगी. अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को जारी की जाएगी.

चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से भी इस प्रक्रिया में सहयोग मांगा है. राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में यह तय किया गया कि राजनीतिक पार्टी अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करेगी, जिन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. आयोग ने कहा कि यह काम इसलिए जरूरी है क्योंकि कई जगह मतदाता सूची में मृत या दोहराए गए नाम हैं और कई नए मतदाता जुड़ नहीं पाए हैं.

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देश में अब तक 1951 से 2004 तक कुल 8 बार SIR किया जा चुका है. इस बार भी 2003 की SIR से मतदाताओं के नाम का मिलान किया जाएगा. SIR में मतदाता की जानकारी देखने के लिए voters.eci.gov.in वेबसाइट की मदद ले सकते हैं. 

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