MP के सेसईपुरा में जल्द शुरू होगी चीता सफारी, पर्यटकों को होगा लाभ, बढे़गा रोजगार

एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में, प्रोजेक्ट चीता के प्रमुख एसपी यादव ने कहा कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि चीता सफारी से पर्यटकों को लाभ होगा और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

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MP के सेसईपुरा में जल्द शुरू होगी चीता सफारी, पर्यटकों को होगा लाभ, बढे़गा रोजगार
MP के सेसईपुरा में जल्द शुरू होगी चीता सफारी
भोपाल:

चीतों के बारे में अधिक जानने और उन्हें करीब से देखने के इच्छुक लोगों के लिए खुशी की खबर है. केएनपी के पास सेसईपुरा क्षेत्र में चीता सफारी की योजना बनाई जा रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मध्य प्रदेश में कुनो नेशनल पार्क (केएनपी) के पास सेसईपुरा क्षेत्र में चीता सफारी की योजना बनाई जा रही है, जिसमें चीतों के बारे में अधिक जानकारी हासिल करने के इच्छुक लोगों के लिए कुछ अन्य सुविधाएं भी शामिल हैं.

युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर

एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में, प्रोजेक्ट चीता के प्रमुख एसपी यादव ने कहा कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है. उन्होंने कहा कि चीता सफारी से पर्यटकों को लाभ होगा और युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 17 सितंबर को भारत में विलुप्त हो चुके जंगली चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. पर्यावरण मंत्रालय साईसईपुरा में प्रोजेक्ट चीता से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर रहा है.

यादव ने एएनआई को बताया, “हम एक चीता सफारी स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. एक व्याख्या केंद्र, एक लाइब्रेरी और एक शोध केंद्र बनाने का भी प्रस्ताव है. स्किल अपग्रेडेशन सेंटर का भी प्रस्ताव है और इस दिशा में काम किया जा रहा है.”

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मास्टर लेआउट योजना की जा रही तैयार 

उन्होंने कहा, "चीता सफारी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगी और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगी. 150-180 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है और इस आधार पर एक मास्टर लेआउट योजना तैयार की जा रही है."

पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीव संरक्षण के प्रति पीएम मोदी की प्रतिबद्धता के अनुरूप यह प्रयास, पर्यावरण-विकास और पारिस्थितिक पर्यटन गतिविधियों के माध्यम से स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका के अवसरों को भी बढ़ाएगा.

कुनो राष्ट्रीय उद्यान 344.686 वर्ग किमी क्षेत्रफल के साथ विध्याचल पर्वत के उत्तरी किनारे पर स्थित है. इसका नाम चम्बल नदी की एक सहायक नदी के नाम पर रखा गया था. 
 

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