क्या चंबल अंचल में दो गुटों में बंटी BJP ? अब मंत्री ने ये...मुद्दा उठाकर सरकार को संकट मे डाल दिया

Chambal Politics : पहले BJP विधायक चिंतामणि मालवीय ने अपनी पीड़ा विधानसभा में उठाई और अपनी सरकार के क्रिया कलापों पर सवाल दाग दिए. तो वहीं, अब सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर अंचल में औद्योगीकरण न होने का मुद्दा उठाकर सरकार को संकट मे डाल दिया. इसके क्या सियासी मायने हैं...

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MP Politics : मध्य प्रदेश बीजेपी में गुटबाजी और असंतोष बढ़ता जा रहा हैं. भाजपा विधायक चिंतामणि मालवीय ने अपनी पीड़ा विधानसभा में उठाई और अपनी सरकार के क्रिया कलापों पर सवाल दाग दिए. तो पूरी भाजपा और सरकार आहत हो गई. पार्टी ने इस मामले में फटाफट मालवीय को ही शो कॉज नोटिस थमा दिया. अभी इस घटना का पटाक्षेप भी नहीं हो पाया था कि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक और मोहन यादव सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर अंचल में औद्योगीकरण न होने का मुद्दा उठाकर सरकार को संकट मे डाल दिया.

'पीएम और सीएम से मिलें,नहीं तो मुझे दरवाजे पर धरना देना पड़ेगा'

तोमर के इस बयान से सरकार द्वारा ग्लोबल इन्वेस्टर मीट के जरिए अरबों रुपये के इन्वेस्टमेंट के दावों पर ही सवाल उठने लगे. तोमर ने तो, सिंधिया को बकायदा धमकी ही दे डाली कि वे इस मामले पर पीएम और सीएम से मिलकर बात करें, नहीं तो मुझे आपके दरवाजे पर धरना देना पड़ेगा.

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तोमर, सिंधिया से मिलने पहुंचे महल

बताया गया कि तोमर सोमवार को महल में सिंधिया से मिले और औद्योगीकरण के मामले में ग्वालियर की उपेक्षा को लेकर बातचीत की. इसके बाद वे जब मीडिया से मिले, तो उन्होंने कहा कि मैंने महाराज से कहा कि मैने श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया से कहा हैं कि ग्वालियर में तेज़ी के साथ पुन : उद्योग स्थापित हों, उसके लिए आप प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलिए. हम लोगों को भी साथ लेकर चलें और बात करें. हमें ग्वालियर के लिए काम करना है. मैंने उनसे कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो मैं आपके दरवाजे पर बैठूंगा. तोमर ने साफ शब्दों में कहा कि उद्योग के लिए अभी ग्वालियर को जितनी जरूरत हैं, जितने मिलने चाहिए उतने उद्योग ग्वालियर को नहीं मिल पर रहे.

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'ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं हैं'

तोमर ने कहा कि देखिए मेरे मन की जो बात है, वह बात मैंने कही है. ये कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं हैं. बल्कि ग्वालियर के लिए हमको जो बात करनी चाहिए वो मैंने की है. मंत्री तोमर का यह सार्वजनिक बयान आते ही ग्वालियर से लेकर भोपाल तक सियासी गालियारों मे ह्ड़कंप मच गया. इससे ग्वालियर मे सिंधिया खेमा बनाम नरेंद्र सिंह तोमर खेमे के बीच मचा घमासान अब खुलकर सामने आ गया.

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'भाजपा ने सिंधिया को ग्वालियर की सियासत से दूर कर रखा हैं'

भाजपा ने सिंधिया को ग्वालियर की सियासत से दूर कर रखा हैं. जबकि कांग्रेस में रहते वे पूरे ग्वालियर चंबल अंचल को लीड करते थे. इससे उनके समर्थकों मे मायूसी है. पहली बार हो रहा हैं कि मुख्यमंत्री ग्वालियर के दौरे पर आते हैं, लेकिन उसमें सिंधिया नहीं रहते. कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें बुलाया ही नहीं जाता. अब उनके समर्थक मंत्री तोमर के इस बयान को जवाबी हमला माना जा रहा हैं.

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