Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र (MP Assembly Winter Session) के चौथे दिन मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Dr Mohan Yadav Chief Minster of Madhya Pradesh) ने अपने भाषण के दौरान एक बड़ी बात कही. सीएम ने कहा कि आज से 300 साल पहले तक भारत का टाइम स्टैंडर्ड (India Standard Time) पूरी दुनिया में माना जाता था. लेकिन काल के प्रभाव में जब हम गुलाम हुए तो यह फ्रांस की राजधानी पेरिस में शिफ्ट कर दिया गया. 50 साल तक स्टैंडर्ड टाइम वहां तय होता रहा. उसके बाद जब ढाई सौ साल पहले अंग्रेज हावी हुए तो अंग्रेज इस चीज को पेरिस से उठाकर ग्रीनविच (Greenwich Time Zone) ले गए और वहां से वह दुनिया में स्टैंडर्ड टाइम तय करने लगे. कहने के लिए हम पूर्व के देश हैं और वह पश्चिम के देश हैं. यह जो समय की गणना का केंद्र है, आप अंदाजा लगा सकते हैं. आज भी कितनी बड़ी विसंगति है, दुनिया में दो प्रकार के ही प्राणी पाए जाते हैं, एक जो सूर्योदय से अपनी दिनचर्या की शुरुआत करते हैं और सूर्यास्त पर समाप्त करते हैं. वहीं दूसरे प्राणी रात्रि वाले निशाचर हैं, लेकिन मध्य रात्रि में कौन से प्राणी दिनचर्या की शुरुआत करते हैं. मध्य रात्रि में 12:00 बजे दिन बदलेगा, यह कौन सा स्टैंडर्ड है? यह कौन सा पैमाना है?
पहले देखिए भगवान कृष्ण का रंग
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सदन में संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में भगवान श्री कृष्ण के जहां-जहां पांव पड़े, उन सभी पवित्र स्थानों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा.
अपने शहर का परिचय कुछ इस तरह से दिया
डॉ मोहन यादव ने एक श्लोक के जरिए अपनी बात रखी. उन्हाेंने कहा- "अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांची, अवंतिकापुरी, द्वारवती ज्ञेया: सप्तैता मोक्ष दायिका. मेरा सौभाग्य है कि दुनिया की सात पवित्रतम नगरी में एक नगरी अवंतिका है, जहां से मैं आता हूं.
उज्जैन में है दुनिया का सेंटर पॉइंट
सीएम मोहन यादव ने कहा कि 21 जून और 22 दिसंबर को दिन के 12 बजे उज्जैन की ऑब्जर्वेटरी में जाना चाहिए. वहां पर एक शंकु यंत्र है. यह 300 साल पहले का बना हुआ है और आधुनिक साइंस (Modern Science) की दृष्टि से जीपीएस (GPS) है. यहां से आप डिसाइड कर सकते हैं कि दुनिया का सेंटर पॉइंट कौन सा है. आपको गर्व होगा कि वह उज्जैन और डोंगला है. जहां पर 23°26 अंश मिलेगा. यह हमारे आधुनिक साइंस के लोग बता रहे हैं, जो हजारों साल से हमारे पूर्वज जानते थे. ऐसे रहस्य को सबके सामने लाने का काम हमारी सरकार कर रही है.
सीएम ने कहा कि वह पुरानी ऑब्जर्वेटरी (Observatory) जो राजा जयसिंह के समय बनाई गई थी. पहले पांच ऑब्जर्वेटरी बनाई गई थी, लेकिन अब हम एक नई ऑब्जर्वेटरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग (Department of Science and Technology) के माध्यम से बनाने जा रहे हैं. जिसमें आईआईटी (IIT) के बच्चे रिसर्च करने जाएंगे, आईआईएम (IIM) के बच्चे रिसर्च करेंगे. मध्य प्रदेश के 16 विश्वविद्यालय में से 10 से ज्यादा विश्वविद्यालय ने फिजिक्स के माध्यम से वहां एमओयू किया है, वो रिसर्च करेंगे. बाबा महाकाल की नगरी केवल धर्म की नगरी नहीं है, यह ज्ञान और भूगोल की भी नगरी है. सीएम ने सदन में यह भी कहा मैं गर्व से यह कह सकता हूं कि हमारा संकल्प पत्र हमारे लिए पवित्र धर्म ग्रंथ गीता और रामायण की तरह है. हम अगले 5 साल तक संकल्प पत्र में दिए गए एजेंडे को एक-एक करके अक्षरश: पूरा करेंगे.
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