गोवारी मिलन समारोह में गाजे-बाजे और नृत्य की पेशकश, आखिर में आदिवासियों ने उठाई ये मांग

Balaghat : कार्यक्रम में सामाजिक जागरूकता और समाज के विकास पर बातचीत हुई. समाज ने अपनी पुरानी मांग दोहराई और कहा कि गोवारी समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल किया जाए.

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गोवारी मिलन समारोह में गाजे-बाजे और नृत्य की पेशकश, आखिर में आदिवासियों ने उठाई ये मांग

MP News in Hindi : बालाघाट जिले में आदिवासी गोवारी समाज का वार्षिक मिलन समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया गया. ये आयोजन परसवाड़ा के छात्रावास खेल मैदान में हुआ. हर साल की तरह इस बार भी समाज ने अपनी संस्कृति और परंपराओं का प्रदर्शन किया. इस कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक नृत्य और गाजे-बाजे  के साथ हुई. समाज के लोग परंपरागत वेशभूषा में दिखे. लोगों ने परसवाड़ा बस स्टैंड से लेकर सिविल लाइन हनुमान मंदिर तक रैली निकाली. रैली के बाद समाज के नव निर्मित भवन का उद्घाटन किया गया. ये उद्घाटन लघु वनोपज जिलाध्यक्ष अशोक मंडलेकर ने रिबन काटकर किया.

नृत्य और सांस्कृतिक प्रदर्शन की दिखी झलक

भवन उद्घाटन के बाद मैदान में मंचीय कार्यक्रम आयोजित हुआ. इसमें बड़ी गर्मजोशी के साथ आने वाले अतिथियों का स्वागत किया गया. मंच पर समाज के प्रतिनिधियों और स्वजातीय जनों ने अपने विचार सभी के आगे रखे. समारोह में अलग-अलग तहसीलों से समाज के लोग मौजूद थे. जहां सभी ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किए. इस खास ने नृत्य समाज की सांस्कृतिक धरोहर में चार चाँद लगा दिए.

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गोवारी समाज ने सभी के सामने रखी ये मांग

कार्यक्रम में सामाजिक जागरूकता और समाज के विकास पर बातचीत हुई. समाज ने अपनी पुरानी मांग दोहराई और कहा कि गोवारी समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल किया जाए. वक्ताओं ने कहा कि यह समाज के विकास और अधिकारों के लिए बहुत जरूरी है. आखिर में कार्यक्रम का समापन पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ हुआ.

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