Madhya Pradesh News : प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Mdhya Pradesh) डाॅ मोहन यादव की कैबिनेट (Dr Mohan Yadav Cabinet) घोषित हो चुकी है. इस कैबिनेट में विंध्य क्षेत्र का बेहद सधा हुआ समीकरण देखने को मिल रहा है. सीएम मोहन यादव की कैबिनेट में सामान्य (Genera), एससी (SC), एसटी (ST) और ओबीसी (OBC) वर्ग को स्थान देकर आगामी लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Election) के समीकरण साधने की भरपूर कोशिश की गई है. विंध्य के सवर्ण नेता और रीवा के विकास पुरूष का दर्जा रखने वाले राजेन्द्र शुक्ल (Rajendra Shukla Deputy CM) को डिप्टी सीएम का पद दिया गया. जबकि एससी वर्ग की रैगांव से पहली बार विधायक चुनीं गई प्रतिमा बागरी और चितरंगी की एसटी वर्ग की विधायक राधा सिंह को राज्यमंत्री (State Minister) का पद दिया गया. वहीं ओबीसी वर्ग के नेता और कोतमा विधायक दिलीप जायसवाल को राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) देकर यहां के सभी समीकरण साधे गए हैं. हालांकि यहां जातीय समीकरणों पर गौर करें तो क्षत्रिय नेताओं का ख्याल नहीं रखा जा सका. माना जा रहा है कि जब भविष्य में मंत्रिमंडल का विस्तार या फिर परफाॅर्मेंस के आधार पर समीक्षा होगी तब क्षत्रिय वर्ग के नेताओं को मौका दिया जा सकता है.
एक लोकसभा एक मंत्री का समीकरण
कहा जा रहा है कि मोहन कैबिनेट में एक लोकसभा सीट से एक मंत्री का समीकरण साधा जा रहा है. जिसमें विंध्य क्षेत्र पूरी तरह से सेट दिखाई दे रहा है. विंध्य में कुल 30 विधानसभा सीटें हैं. जबकि जिलों की संख्या नौ हो चुकी है. यहां पर लोकसभा की चार सीट (Loksabha Seat) हैं. जिसमें सतना (Satna Seat), रीवा (Rewa Seat), सीधी (Sidhi Seat) और शहडोल शामिल है. फिलहाल यहां पर 2019 का लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी (BJP Cndidate) के ही प्रत्याशी जीते हैं.
राजपरिवारों को नहीं मिला महत्व
विंध्य क्षेत्र के राज परिवारों को भाजपा ने महत्व नहीं दिया. नागौद राजपरिवार के मुखिया नागेन्द्र सिंह, गुढ़ क्षेत्र के विधायक नागेन्द्र सिंह और रीवा राजघराने के दिव्यराज सिंह तथा रामपुर बाघेलान विधानसभा के विक्रम सिंह विक्की और चित्रकूट से सुरेन्द्र सिंह चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, लेकिन इनमें से किसी को पार्टी ने मंत्री पद से नहीं नवाजा. क्षत्रिय समाज को महत्व नहीं दिए जाने की वजह तो भाजपा के नेता ही जानते होंगे, लेकिन स्थानीय स्तर पर काफी असंतोष की स्थिति पैदा हो रही है. हालांकि अभी तक इस मामले को लेकर किसी भी नेता ने कोई प्रतिक्रया नहीं दी है.
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