ग्वालियर में गर्मी का सितम, नगर निगम के युवा कर्मचारी की मौत, अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़

MP News: पूरे मध्य प्रदेश में इस समय भीषण गर्मी का दौर जारी है. ग्वालियर में गर्मी के प्रकोप से एक नगर निगम कर्मचारी की मौत हो गई है. यहां रोज अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ लगती है.

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अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है.

Heat wave in Gwalior: ग्वालियर (Gwalior) में गर्मी का सितम जारी है. एक मई से आठ मई तक तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार रहा, उसके बाद शुरू हुई उमस से लोग बेहाल हैं. गर्मी के चलते (Extreme Heat) नगर निगम के एक युवा कर्मचारी ने ड्यूटी पर ही दम तोड़ दिया, वहीं मेमू ट्रैन के एक सहायक ड्राइवर की तबियत बिगड़ गई. गर्मी के चलते अस्पताल में मरीजों की इतनी भीड़ है कि वार्ड में पैर रखने को भी जगह नहीं मिल रही है. अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. 

काम करते समय बेहोश हुआ निगम कर्मचारी

भीषण गर्मी के चलते एक युवा निगम कर्मचारी की अचानक मौत हो गई. बताया गया कि नगर निगम में कार्यरत 37 साल के कर्मचारी डालचंद सुबह हथियापोर में कचरे की ढेरी उठा रहे थे. इसी दौरान अचानक उन्हें तेज चक्कर आया और वह सड़क पर बेहोश होकर गिर पड़े. उनकी हालत को देखकर उनके साथी कर्मचारी उसे लेकर सीधे एक निजी नर्सिंग होम पहुंचे, जहां से उन्हें जेएएच रेफर किया गया. जेएएच पहुंचने पर डॉक्टरों ने डालचंद को मृत घोषित कर दिया. हालांकि, अभी तक निगम कर्मचारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है. लेकिन, माना जा रहा है कि उमस और गर्मी के चलते आए साइलेंट अटैक से युवक की जान गई है.

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मेमू का ड्राइवर हुआ बीमार

वहीं मुरैना जिले के जौरा से ग्वालियर के लिए निकली मेमू ट्रेन के सहायक ड्राइवर की तबीयत भीषण गर्मी के चलते ग्वालियर पहुंचते-पहुंचते खराब हो गई. उन्हें तेज घबराहट होने लगी. इसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को दी गई. रेल विभाग ने सक्रियता दिखाते हुए गाड़ी के स्टेशन पहुंचने से पहले ही एम्बुलेंस मंगवाकर सारी तैयारियां कर ली थी. ट्रेन आते ही चालक को एम्बुलेंस से सीधे रेलवे हॉस्पिटल ले जाकर भर्ती करवाया गया. 

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अस्पतालों में भारी भीड़

उमस और गर्मी से बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं. अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जेएएच में और जिला अस्पताल मुरार के वार्ड उल्टी, दस्त, बुखार और पीलिया जैसी गर्मीजनित बीमारियों के मरीजों से भरे पड़े हैं. गजराराजा मेडिकल कॉलेज के जेएएच में मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ अजय पाल सिंह का कहना है कि इस समय गर्मी के चलते उल्टी दस्त, बुखार, यूरिन इंफेक्शन और पीलिया जैसी बीमारियों के पेशेंट बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. उमस से बॉडी में पानी की कमी होने से यह दिक्कतें आ रही हैं. किसी-किसी को अटैक भी आ रहा है. 

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यह करें बचाव 

डॉ अजय पाल का कहना है कि हीट स्ट्रोक से बचने के लिए जरूरी है कि जहां तक संभव हो तेज धूप में निकलने से बचें, खास तौर पर सुबह 11 बजे से दोपहर 4 बजे तक. इस समय तेज हवा चलती है और गर्मी तेज रहती है, जिसे बॉडी एडजस्ट नहीं कर पाती है. डॉक्टर का कहना है कि इस दौरान हल्के वजन और रंग वाले कॉटन के कपड़ों का इस्तेमाल करना चाहिए. हीट स्ट्रोक और गर्मी लगने का सबसे ज्यादा प्रभाव चेहरा, सिर या गर्दन के पिछले हिस्से पर पड़ता है. इसलिए सिर, चेहरे और गर्दन के पिछले वाले हिस्से को हल्के सफेद कपड़े से ढंककर निकलें. 

वहीं आंखों को तेज गर्मी से बचाने के लिए रंगीन या ब्लैक चश्मे का उपयोग करें. घर से निकलने के पहले पर्याप्त पानी पीकर निकलें. पानी की मात्रा ज्यादा वाले मौसमी फल जैसे तरबूज, खीरा, ककड़ी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. यह ध्यान रहें कि पानी साफ सुथरा हो. अगर संदेह हो तो उसे उबालकर, ठंडा करके फिर पिएं, लेकिन हर दो घंटे पानी अवश्य पिएं.

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