Tansen Sangeet Samaroh 2023 : ग्वालियर में पिछले 98 वर्षों से शास्त्रीय संगीत (Indian classical music) के क्षेत्र में देश ही नहीं दुनिया का सबसे प्रतिष्ठित व प्रसिद्ध संगीत महोत्सव (Music Festival) “तानसेन समारोह” (Tansen Samaroh) आयोजित होता आ रहा है. इस साल 99वां संगीत समारोह आयोजित किया जा रहा है. मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग (Madhya Pradesh Culture Department) के द्वारा संगीत सम्राट तानसेन की कर्मस्थली बेहट में ये समारोह किया जाता है. इस बार ये महोत्सव 24 से 28 दिसंबर तक आयोजित होगा. लेकिन इस उत्सव को खास बनाने के लिए इस बार 22 दिसंबर को संगीत की नगरी ग्वालियर (Music City Gwalior) में 15 स्थानों पर एक साथ “तानसेन संगीत महफिल” सजेंगीं.
आज शाम 6 बजे से सुमधुर संगीत की स्वर लहरियां गूंजेंगीं.
तानसेन संगीत महफिल की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. ग्वालियर कलेक्टर (Gwalior Collector) अक्षय कुमार सिंह ने हर कार्यक्रम स्थल पर व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित ढंग से अंजाम देने के लिए अलग-अलग अधिकारियों की तैनाती की है. साथ ही संस्कृति विभाग (Culture Department) द्वारा भी व्यवस्थायें की गई हैं.
ये हैं संगीत महफिल स्थल और कलाकर
टाउन हॉल महाराज बाड़ा में 22 दिसम्बर को सायंकाल आयोजित होने होने जा रही संगीत महफिल में हेमांग कोलटकर का शास्त्रीय गायन और सुनील पावगी मोहनवीणा वादन से स्वर लहरियां बिखेरेंगे. बैजाताल पर आयोजित होने वाली तानसेन संगीत महफिल में सुदीप भदौरिया का ध्रुपद गायन व राजेन्द्र विश्वरूप द्वारा सुर बहार की प्रस्तुति होगी. ग्वालियर किले (Gwalior Fort) पर सजने वाली तानसेन संगीत महफिल में मीरा वैष्णव का गायन व उस्ताद सलमान का सारंगी वादन होगा. गंगादास की शाला की संगीत महफिल में भरत नायक का सितार वादन व महेश दत्त पाण्डे का शास्त्रीय संगीत गायन होगा.
द्वारिकाधीश मंदिर परिसर में सजने जा रही संगीत महफिल में मनोज नायक का सितार वादन व अनंत महाजने के शास्त्रीय संगीत की प्रस्तुति होगी. तानसेन समारोह के तहत 22 दिसम्बर को तानसेन संगीत महाविद्यालय की संगीत महफिल में योगिनी ताम्बे का ध्रुपद गायन व जगत नारायण शर्मा का पखावज वादन होगा. राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की तानसेन संगीत महफिल में साधना गोरे का शास्त्रीय गायन व संजय राठौर के तबला वादन की प्रस्तुति होगी.
तानसेन कलावीथिका की संगीत महफिल में जयंत गायकवाड़ का पखावज वादन व रंजना टोणपे का शास्त्रीय गायन होगा. दत्त मंदिर जीवाजीगंज पर 22 दिसम्बर को सजने जा रही तानसेन संगीत महफिल में वेदांत विपट का तबला वादन व प्रज्ज्वल शिर्के के शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति होगी.
आईआईटीटीएम (IITTM) की संगीत महफिल में अविनाश राजावत तबला वादन व यश देवले शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति देंगे. इसी तरह लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर की संगीत महफिल में शिवांग दुबे का शास्त्रीय गायन व सुभाष देशपाण्डे का वायलिन वादन होगा.
इस बार क्या-क्या होगा?
इस बार का आयोजन कई मायनों में खास है. अगले वर्ष इस आयोजन के सौ वर्ष पूरे होने हैं, जिसके लिए इसी आयोजन से तैयारियां और आयोजनों का सिलसिला शुरू हो जाएगा. इसी साल ही यूनेस्को (UNESCO) ने ग्वालियर को म्यूजिक सिटी (Music City Gwalior) का खिताब दिया है. यह गौरव मिलने के बाद यह पहला तानसेन समारोह है, इसलिए इसकी भव्यता बढ़ाने के लिए अनेक आयोजन जोड़े गए हैं.
इस पूरे आयोजन को लेकर इसकी व्यवस्था समिति के मुख्य सदस्य और राजा मानसिंह संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ साहित्य कुमार नाहर ने NDTV MP-CG से खास बात करते हुए आयोजन को लेकर तमाम जानकारी साझा की है. प्रो नाहर ने कहा कि इस बार के तानसेन समारोह में कुछ बातें बहुत खास हैं.
साल भर तानसेन के नाम पर होंगे आयोजन
इस बार शहर और आस-पास के क्षेत्र में हर दिन तानसेन के नाम पर आयोजनों की श्रृंखला शुरू की जाए. इसमें स्थानीय प्रतिभावान कलाकारों को मंच दिया जाए और स्थापित कलाकारों के साथ उनकी प्रस्तुतियां कराई जाएं ताकि गुरु-शिष्य परंपरा और नई और पुरानी पीढ़ी के बीच शास्त्रीय ताना-बाना मजबूत हो सके.
वादी-संवादी का आयोजन
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी संगीत विश्वविद्यालय कैंपस में वादी-संवादी का आयोजन होगा. इस बार 26 और 27 दिसम्बर को वादी और संवादी कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भारतीय शास्त्रीय संगीत पर गहन चिंतन होगा.
ताल-दरबार का अनूठा आयोजन
संगीत विश्वविद्यालय के कुलपति ने बताया कि इस बार आयोजनों की श्रृंखला में एक बड़ा और महत्वपूर्ण आयोजन शामिल किया गया है, जिसका नाम ताल-दरबार है. इनमे प्रदेश भर के 1500 तबला वादक एक साथ अपनी प्रस्तुति देंगे. प्रो नाहर के अनुसार यह आयोजन देश का अनूठा और अद्भुत प्रयास है.
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