90 Degree Bridge: भोपाल के बहुचर्चित 90 डिग्री ब्रिज मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस द्वारा की गई टिप्पणी चर्चा में है. चीफ जस्टिस संजीव सक्सेना और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार को ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट नहीं, बल्कि मेडल देना चाहिए.
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सरकार ने 90 डिग्री ब्रिज बनाने ठेकदार को कर दिया गया था ब्लैकलिस्ट
गौरतलब है हाई कोर्ट में भोपाल में ठेकदार द्वारा बनाए गए 90 डिग्री ब्रिज की खूब आलोचना हुई थी, जिसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा ठेकदार को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया. सरकार द्वारा ठेकदार को ब्लैकलिस्ट किए जाने पर तंज कसते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि ठेकेदार को सजा नहीं, बल्कि तो मेडल मिलना चाहिए.
अप्रूव्ड ड्राइंग के अनुरूप बनाया गया था 90 डिग्री वाला भोपाल का ब्रिज
रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को 90 डिग्री ब्रिज की सुनवाई के दौरान मौलाना इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग की विशेषज्ञ समिति की जांच रिपोर्ट पेश की गई थी. रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार पुनीत चड्ढा को जो अप्रूव्ड ड्राइंग दी गई थी, उसमें पुल का एंगल 119 डिग्री दर्शाया गया था.
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90 डिग्री मोड़ वाले ब्रिज का ROB का रेडियस 10.7 मीटर बढ़ाया जाएगा
उल्लेखनीय है देशभर में सुर्खियां बटोरने वाले भोपाल के 90 डिग्री मोड़ वाले ROB का रेडियस 10.7 मीटर बढ़ाए जाने की खबर सामने आई थी.फिलहाल ये घुमाव 6 मीटर के रेडियस में है, जिसके बाद इसका घुमाव 90 डिग्री वाला नहीं रहेगा और वाहनों को मोड़ने के दौरान होने वाला जोखिम भी कम हो जाएगा. इससे ट्रैफिक जाम में निजात मिलने की संभावना है.