MP High Court notice to aviation Companies: जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी से जुड़े भेदभाव के आरोप को लेकर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने विमानन कंपनियों को पुनः नोटिस जारी किए हैं. अदालत ने आदेश दिया है कि इन नोटिसों की तामीली सुनिश्चित की जाए और ई-मेल के माध्यम से उन्हें भेजा जाए.
पहले हर दिन 15 फ्लाइट्स होती थी संचालित
यह याचिका नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के अध्यक्ष डॉ. पी.जी. नाजपांडे ने दायर की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि पूर्व में जबलपुर से मुंबई, पुणे, कोलकाता और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों के लिए सीधी उड़ानें संचालित होती थीं, लेकिन अब यह संख्या घटकर बहुत कम हो गई है जिससे जबलपुर के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.
वर्तमान में केवल 5 फ्लाइट्स हो रही है संचालित
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि जबलपुर की एयर कनेक्टिविटी पहले इंदौर, भोपाल और ग्वालियर के समान थी और औसतन 15 फ्लाइट्स हर दिन यहां से संचालित होती थीं. अब यह संख्या घटकर केवल पांच रह गई है, जो जबलपुर के आर्थिक और सामाजिक विकास को प्रभावित कर रही है.
इंडियन एयरलाइंस समेत चार कंपनियों को नोटिस
याचिका में केंद्रीय उड्डयन विभाग, डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को भी अनावेदक बनाया गया था. प्रारंभिक सुनवाई में, हाई कोर्ट ने एयरलाइंस कंपनियों को भी पक्षकार बनाने के निर्देश दिए थे. अब इंडियन एयरलाइंस, इंडिगो एयरलाइंस, और आकाश एयरलाइंस समेत चार कंपनियों को ई-मेल के माध्यम से नोटिस जारी किए गए हैं.
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याचिकाकर्ता की ओर से यह भी बताया गया कि संबंधित कंपनियों को पूर्व में जारी नोटिस तामील नहीं हो सके थे, जिसके बाद अदालत ने यह ताजा आदेश जारी किया है.