DRDO व एयरफोर्स में अतिक्रमण सुरक्षा पर बड़ा खतरा! ग्वालियर बेंच की Encroachment पर सख्त टिप्पणी

MP High Court on Encroachment: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा है कि ग्वालियर बहुत महत्वपूर्ण जगह है. यहां एयरफोर्स का बेस है. डीआरडीओ लैब और बीएसएफ हैं. इन स्ट्रेटिजिक जगहों पर अतिक्रमण होंगे तो ये सुरक्षा के लिए खतरा है.

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Gwalior High Court on Encroachment: ग्वालियर (Gwalior) में लगातार बढ़ रहे अतिक्रमण (Encroachment) से नाराज मध्यप्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) की ग्वालियर खण्डपीठ ने प्रशासन को बड़ी समझाइश दी है. हाई कोर्ट ने कहा कि ग्वालियर में एयरफोर्स बेस (Air Force Base) सहित अनेक स्ट्रेटेजिक स्थान हैं. यहां अतिक्रमण सुरक्षा के लिए खतरा है. आप लोगो को सोचना चाहिए कि यहां अतिक्रमण क्यों हो रहे हैं? कोर्ट ने यह टिप्पणियां अतिक्रमण हटाने को लेकर चल रही एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की है.

किसने लगाई है याचिका?

ग्वालियर निवासी समीर शर्मा ने कोर्ट में एक पीआईएल दायर की है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि नागरिकों और बच्चों के लिए बनाए गए सार्वजनिक पार्क पर अतिक्रमण कर मन्दिर और मजार का निर्माण किया गया है. इस पर सुनवाई के दौरान नगर निगम के वकील दीपक खोत ने कोर्ट को बताया कि इस तरह के अतिक्रमण को हटाने के सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट ने हर जिले में एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया है. यह कमेटी कलेक्टर के कमांड में काम करती है. इस पार्क में अतिक्रमण को लेकर तथ्यात्मक जानकारी कमेटी के समक्ष रख दी गई है. जो भी निर्देश मिलेगा उसका पालन होगा. कोर्ट को यह भी बताया गया कि इसको लेकर पूर्व में भी कई बार याचिका दायर की जा चुकी है.

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इस सुनवाई के दौरान कलेक्टर रुचिका चौहान भी उपस्थित हुईं. उन्होंने बताया कि मन्दिर और मजार का निर्माण 60 साल पुराना है. उस समय पार्क नहीं था. इस संबंध में वहां के निवासियों के कथन भी दर्ज किए गए हैं.

कोर्ट ने क्या कहा?

कोर्ट ने सख्ती से कहा कि आप डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट हैं. ग्वालियर महत्वपूर्ण जगह है. यहां एयरफोर्स का बेस है. डीआरडीओ लैब और बीएसएफ के ट्रेनिंग सेंटर है. इन स्ट्रेटेजिक जगहों पर अतिक्रमण होंगे तो सुरक्षा के लिए खतरा है. आपको देखना चाहिए कि यह अनावश्यक अतिक्रमण क्यों हो रहे हैं. इस दौरान कोर्ट ने नगर निगम, याची और प्रशासन की बात सुनी. याची ने कहा इस अतिक्रमण की जांच 2016 में ही हो चुकी है. सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने ग्वालियर कलेक्टर से रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा. अगली सुनवाई नवम्बर के अंतिम सप्ताह में होगी. इस सुनवाई के दौरान नगर निगम आयुक्त अमन वैष्णव भी कोर्ट में उपस्थित रहे.

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