Paper Leak Mafia: मध्य प्रदेश में भी अब नकल माफियाओं और पेपरलीक अपराधियों के खिलाफ कड़े कानून लाने की तैयारी कर रही है.आगामी 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहे मध्य प्रदेश विधानसभा के शीत कालीन सत्र में मोहन यादव सरकार नकल माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए अंग्रेजों के जमाने के कानून में संशोधन का मन बना लिया है. सरकार ने इस सबंध में कानून में संशोधन का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है.
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अभी अपराधी को 3 साल की जेल और 5000 जुर्माने का है प्रावधान
पुराने कानून के तहत नकल या पेपरलीक में संलिप्तता पाए जाने पर आरोपी को केवल 3 साल की जेल और 5000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान था, लेकिन संशोधित कानून में 3 जेल की सजा को उम्रकैद में तब्दील किया जा सकता है और जुर्माने की रकम को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए किया जाने का प्रावधान किया जा सकता है. संशोधित कानून को लेकर सरकार ने पूरी तैयारी भी कर ली है.
नकल की बढ़ती घटनाओं से कानून में बदलाव कर ही है सरकार
रिपोर्ट के मुताबिक संशोधित कानून के दायरे में मध्य प्रदेश बोर्ड, एमपीपीएससी और कर्मचारी चयन मंडल की सभी परीक्षाएं आएंगी. संशोधित कानून का ड्राफ्ट तैयार करने वाले अधिकारियों के मुताबिक पिछले कई सालों में एमपी बोर्ड व्यापम और एमपीपीएससी की परीक्षाओं में पेपर लीक और सामूहिक नकल की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार ने पुराने कानून में बदलाव करने जा रही है.
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संशोधित कानून में उम्रकैद और 1 करोड़ भरना होगा जुर्माना
संशोधित कानून के ड्राफ्ट के मुताबिक, यदि अब किसी ने पेपर लीक किया तो उसे उम्रकैद और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना भरना होगा. वहीं, नकल करते हुए पकड़े जाने पर युवाओं को एक साल तक परीक्षा में बैठने की परमिशन नहीं दी जाएगा. हालांकि छात्र होने के नाते उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा.
प्रभावी नहीं रहा 10 साल जेल, 10 लाख जुर्माने का प्रावधान
उल्लेखनीय है पिछले कई सालों में प्रदेश में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में पेपर लीक की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसके चलते राज्य के माध्यमिक शिक्षा मंडल ने संलिप्त लोगों के खिलाफ 10 साल की सजा और 10 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान किया था, लेकिन ये कदम प्रभावी नहीं है.