Bhopal GIS 2025: डेलिगेट्स को महाकाल का प्रसाद! VR से टूरिस्ट डेस्टिनेशंस की सैर तक ये सब है MPT पावेलियन में

Global Investors Summit, MP Tourism: GIS में मध्य प्रदेश की जनजातीय और स्थानीय संस्कृति के साथ जनपदीय संस्कृति को सजीव रूप में प्रस्तुत करने के लिए सांस्कृतिक ग्राम विकसित किया गया है. इसमें प्रदेश की जनजातीय और लोक कलाकारों की अद्भुत प्रतिभा का प्रदर्शन भी किया जा रहा है.

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MP Global Investors Summit 2025, MP Tourism: पर्यटन की संभवानाएं से भरपूर MP

MP Global Investors Summit 2025: ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) में मध्य प्रदेश टूरिज्म (MP Tourism Board) बोर्ड का पवेलियन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थल (Tourist Destinations), प्राचीन मंदिर, राजसी किले और लुभावने प्राकृतिक स्थलों को नवीन तकनीक और इंटरैक्टिव पैनल के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है. यहां डेलीगेट्स ने होलोग्राम के जरिए महाकाल (Mahakal Live Darshan) के सजीव दर्शन कराये जा रहे हैं. विशेष रूप से उज्जैन से मंगाया गया बाबा महाकाल का प्रसाद (Mahakal Prasad) भी दिया जा रहा है. इसके अलावा, साइक्लिंग करते हुए वर्चुअल रियलिटी (VR) के ज़रिए ओरछा, खजुराहो और सांची स्तूप के साथ वन्य जीवन का अनुभव कराया जा रहा है.

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MP Global Investors Summit 2025: टूरिज्म बोर्ड का पावेलियन
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

क्या कुछ है मध्य प्रदेश टूरिज्म के पावेलियन में?

पवेलियन में वेलनेस टूरिज्म को प्रदर्शित करते हुए साउंड हीलिंग तकनीक का विशेष जोन बनाया गया है. प्रदेश के पारंपरिक हस्तशिल्प बाग प्रिंट का लाइव काउंटर में डेलीगेट्स बाग प्रिंट को करीब से जानने के साथ साड़ी, स्टोल जैसे उत्पाद भी खरीद रहे है. जीआईएस के पलो को यादगार बनाने के लिए मोगली सेल्फी पॉइंट स्थापित किया गया हैं. जिसमें डेलीगेट्स जंगल बुक के कैरेक्टर मोगली, बघीरा सहित चीता और बाघ के साथ सेल्फी ले सकते है. 

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तकनीक से हमारे पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण भी बढ़ेगा : पर्यटन मंत्री

पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा, "जीआईएस में आने मेहमानों को मध्य प्रदेश के ऐतिसाहिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक स्थलों से अवगत कराने के उद्देश्य से आधुनिक तकनीक का उपयोग किया गया है. वर्चुअल अनुभव से न केवल राज्य की विरासत को व्यापक स्तर पर प्रचार मिलेगा, बल्कि डेलिगेट्स में हमारे पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण भी बढ़ेगा. पवेलियन में होलोग्राम के जरिये महाकाल के दर्शन और ओरछा की वर्चुअल टूर को सराहा जा रहा है. इसके साथ ही पवेलियन में पधारने वाले निवेशकों और डेलीगेट्स को प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं में निवेश के अवसर और नवीन पर्यटन नीति के प्रावधानों से भी अवगत कराया जा रहा है.

MP Global Investors Summit 2025: टूरिज्म बोर्ड का पावेलियन
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

सांस्कृतिक परिदृश्य की झलक प्रस्तुत करते जनजातीय नृत्य, पारंपरिक वस्त्र, चित्रकारी, मिट्टी और धातु शिल्प के साथ-साथ लोक संगीत सभी डेलीगेट को अपनी ओर अनायास ही आकर्षित कर रहे है. प्रमुख तौर पर ये कार्यक्रम हो रहे हैं.

  • आदिवासी नृत्य: बोंगा, बैगा, सहरिया, कोल और कोरकू जनजातियों के पारंपरिक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी जा रही हैं.
  • हस्तशिल्प: चंदेरी और महेश्वरी साड़ियों, बाग प्रिंट, मिट्टी के बर्तन, धातु के आभूषण और लकड़ी के खिलौने मध्यप्रदेश की शिल्प कला का उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत किया जा रहा है.
  • लोक संगीत: निमाड़ और बुंदेलखंड के लोक गायकों द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक गीत संगीत की प्रस्तुति की जा रही है.

MP Global Investors Summit 2025: टूरिज्म बोर्ड का पावेलियन
Photo Credit: Ajay Kumar Patel

डेलीगेट्स के लिए उज्जैन और सांची की बनी पहली पसंद

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आए देश-विदेश के प्रतिनिधियों के लिए मध्यप्रदेश पर्यटन ने विशेष यात्रा टूर प्लान किया गया है. डेलीगेट्स ने उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के साथ ही, सांची के बौद्ध स्तूप, भोजपुर के शिव मंदिर और भीमबेटका की एतिहासिक गुफाओं में रुचि व्यक्त की है. साथ ही पर्यटन ग्राम खारी को भी डेलीगेट्स द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है, जहां डेलीगेट्स ग्रामीण जीवनशैली और स्थानीय संस्कृति का अनुभव ले रहे है. 

पर्यटन की शानदार मेहमाननवाजी

मध्यप्रदेश पर्यटन ने GIS में आए मेहमानों को राज्य के ऐतिहासिक, प्राकृतिक, सांस्कृतिक स्थलों से अवगत कराने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग भी लिया जा रहा है . इससे न केवल राज्य की विरासत को व्यापक स्तर पर प्रचार मिल रहा है, बल्कि डेलीगेट्स में हमारे पर्यटन स्थलों के प्रति आकर्षण भी बढ़ा रहा है. मध्यप्रदेश सरकार और पुरातत्व विभाग के सहयोग से राज्य के सभी पुरातात्विक और एएसआई संरक्षित स्मारकों पर प्रतिनिधियों के लिए नि:शुल्क प्रवेश की सुविधा दी गई है. इसके अलावा, मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा सहायता डेस्क और यात्रा सहायकों की भी विशेष व्यवस्था की गई, ताकि मेहमानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो.

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