Madhya Pradesh Fraud Case: मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस ने ऐसे अंतराज्यीय गिरोह को पकड़ा है, जो विद्यार्थियों को डॉक्टर की पढ़ाई के नाम पर विदेश भेजकर ठगता था. गिरोह का खुलासा ताशकंद भेजी एक छात्रा की शिकायत पर हुआ है. इस मामले में पुलिस ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है.
MBBS की पढ़ाई के नाम पर छात्रा से 8 लाख की ठगी
एसपी प्रदीप शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिरोह का खुलासा करते हुए बताया कि नागझिरी निवासी आरिफ खान, तोपखाना निवासी शाहरूख मंसूरी, विदिशा का गोमू और शाजापुर का शाहीन मंसूरी विदेश में मेडिकल की पढ़ाई के लिए इच्छुक विद्यार्थियों को फंसाते हैं. चारों के खिलाफ कृति यादव ने जन सुनवाई में शिकायत की थी. बताया था कि विदेश में एमबीबीएस की पढ़ाई के नाम पर उससे 8 लाख रुपये लिए. हालांकि उनलोगों ने कजाकिस्तान भेजकर एक साल तक भटकाया और लौटकर जब रुपये वापिस मांगे तो जान से मारना की धमकी दी. मामले की जांच के बाद आरोप सही पाए जाने पर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है.
2018 में लिया था एडमिशन, 2022 में लौटना पड़ा भारत
कृति ने पुलिस को बताया कि 2018 में आरिफ के माध्यम से जॉर्जिया में एम.बी.बी.एस. करने के लिए एडमिशन लिया था, लेकिन वर्ष 2022 में रशिया-यूक्रेन युद्ध के कारण वापस लौटना पड़ा. शेष 1 वर्ष की पढ़ाई के लिए पुनः आरिफ खान से मिली.
कजाकिस्तान भेजने के नाम पर लिए 8 लाख रुपये
उसने शाहरूख, गोमू व शाहीन मंसुरी के पास भेजा. तीनों ने एडमिशन के नाम पर 3 लाख रुपये नगद और 5 लाख रुपये ऑनलाइन के साथ दस्तावेज, पासपोर्ट और मार्कशीट ले लिए.
छह माह तक भटकती रही कृति
कृति ने आगे बताया कि तीनों ने कजाकिस्तान के ताशकंद में मेडिकल एकेडमी में एडमिशन के लिए कहा. वहां पहुंचने पर पता चला उसका एडमिशन बताये कॉलेज में नहीं हुआ. उसे 900 km दूर किसी अन्य कॉलेज में एडमिशन करवाने का कहा. वहां भी फीस जमा नहीं करवाई. वहीं आरिफ के साथ इनके विदेशी एजेंट लगातार झूठे आश्वासन देते रहे, जिसके चलते 6 माह तक परेशान होकर भटकती रही. बाद में इंडियन एंबेसी की मदद से घर पहुंचकर चारों से रुपये वापस मांगे तो उन्होंने रुपये नहीं लौटाए और पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी देने लगे.
पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
एसपी शर्मा ने बताया कि विदेशी एजेन्ट के द्वारा प्रार्थिया के सभी दस्तावेज जप्त कर लेकर उसे दूरदराज भेज दिया, जहां से वह बिना दस्तावेज के निकल नहीं सकी. बाद में मौका पाकर उसने संबंधित दूतावास से संपर्क किया और वहां से निकल पाई और स्वयं के खर्चे पर बिशकेक किर्गिस्तान से डिग्री पूरी की. इस केस को देखते हुए एमबीबीएस करने के इच्छुक विद्यार्थियों को अलर्ट रहकर ऐसे गिरोह के चक्कर में नहीं फंसने की ताकीद की है. साथ ही किसी को ऐसे अन्य गिरोह की जानकारी हो तो देने की अपील की है.
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