MP Flood: मऊगंज में आफत की बारिश ! 50 घरों में घुसा पानी, लबालब भरी सड़कें, 200 परिवार बेहाल

Mauganj Flood: मऊगंज के पंचायत खटखरी में पूरा इलाका तालाब में तब्दील हो चुका है. लोग घरों में कैद हो गए हैं और बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे. वहीं ग्रामीण बीते सात सालों से नाली निर्माण और जल निकासी की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन सिर्फ आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं.

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Rainwater entered 50 houses in Mauganj: मऊगंज जिले के हनुमना जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत खटखरी से पहली बारिश में ही तबाही की तस्वीरें सामने आने लगी है. यहां 50 से ज्यादा घरों में पानी भर गया है, जिससे 200 परिवार बेहाल हैं और बाढ़ जैसे हालात में जीने को मजबूर हैं. सड़कों पर इतना पानी भर गया है कि पूरा इलाका तालाब में तब्दील हो चुका है. लोग घरों में कैद हैं, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे और मरीज अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे.

मानसून की दस्तक से पहले एनडीटीवी ने इस इलाके में निकासी नहीं होने की खबर दिखाई थी. हालांकि इसके बाद अधिकारियों का दल बल दिखावे का निरीक्षण करने पहुंचा, लेकिन इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया.

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अब आफत बनी बारिश, 50 घरों में घुसा पानी

वहीं अब बारिश का पानी 50 से ज्यादा घरों में घुस गया है और लगभग 200 परिवार बाढ़ जैसे हालात में जीने को मजबूर हैं. सड़कों पर इतना पानी भर गया है कि पूरा इलाका तालाब में तब्दील हो चुका है. लोग घरों में कैद हैं और बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. गांव की हालत देखकर ऐसा प्रतीत होता है मानो वर्षों से यहां कोई प्रशासनिक काम नहीं हुआ हो.

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पानी में उतरकर विधायक ने दिया था धरना, आज भी हालात जस के तस

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि चार साल पहले इसी पंचायत में भाजपा विधायक प्रदीप पटेल ने पानी में उतरकर धरना दिया था, इसके बावजूद हालात आज भी वैसे ही बने हुए हैं.

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पहली बारिश में विकास के दावों की खुली पोल

ग्रामीणों का आरोप है कि बीते सात सालों से वो नाली निर्माण और जल निकासी की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन सिर्फ आश्वासन देकर अपना पल्ला झाड़ लेता है. नायब तहसीलदार बैसाखू लाल प्रजापति और प्रभारी सीईओ जगदीश सिंह राजपूत मौके पर जरूर पहुंचे, लेकिन सिर्फ दिखावे के निरीक्षण से कुछ नहीं बदला.

स्थानीय निवासियों ने क्या कहा?

ग्राम पंचायत खटखरी को नगर परिषद बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा जा चुका है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं जैसे नालियों और जल निकासी की व्यवस्था तक पर कोई ठोस काम नहीं हुआ. ऐसे में अब सवाल उठने लगा है, 'क्या सिर्फ पंचायत का नाम बदल देने से विकास अपने आप आ जाएगा?'

स्थानीय निवासी हीरालाल शुक्ल का कहना है, 'अब तो लगता है हम सिर्फ वोट देने के लिए जिंदा हैं, समस्याओं पर सुनवाई की उम्मीद ही खत्म हो गई है.'

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