Election Results 2024: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीजेपी (BJP) ने कांग्रेस (Congress) का सफाया कर दिया है. बीजेपी (BJP) ने प्रदेश में लगभग क्लीन स्वीप कर दिया है. इसमें एक बड़ा फैक्टर आदिवासी समुदाय का साथ है. मध्यप्रदेश में करीब 9 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां ये समुदाय की हार-जीत का फैसला करता है. ये सीटें हैं- इंदौर (Indore), मंडला, सीधी (Sidhi), बालाघाट, छिंदवाड़ा, बेतूल, होशंगाबाद, रतलाम (Ratlam) और धार (Dhar). इन सीटों पर BJP को मिली जीत इसलिए भी अहम है क्योंकि पूरे देश में आदिवासी समुदाय की सबसे अधिक संख्या मध्यप्रदेश में ही है...इन 9 लोकसभा सीटों पर BJP की जीत से देश में सकारात्मक संदेश जाएगा. आदिवासी समुदाय को लुभाने के लिए राहुल गांधी चुनाव प्रचार के दौरान यहां रात भी गुजार चुके हैं. उन्होंने कहा था- यदि कांग्रेस की सरकार बनी तो आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा खत्म की जाएगी.
देश में 47 सीटें आदिवासी समुदाय के लिए हैं आरक्षित
आपको बता दें भारत में आदिवासियों की आबादी 8.6% है. आदिवासियों के लिए आरक्षित लोकसभा सीटें 47 हैं. जिसमें से मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 6 लोकसभा सीटें आदिवासी समुदाय के लिए आरक्षित हैं. वहीं मध्य प्रदेश में कई जिले आदिवासी बहुल हैं.
पीएम ने किया था आदिवासी क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं का शिलान्यास
लोकसभा 2024 के चुनावों में आदिवासी समुदाय ने भी खुलकर बीजेपी (BJP) को वोट दिया है. चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी ( PM Modi ) ने मध्य प्रदेश के झाबुआ (Jhabua) में 7500 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया था. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनके कैबिनेट मंत्री भी उपस्थित रहे थे. उम्मीद थी कि इन परियोजनाओं से आदिवासी आबादी को लाभ पहुंचेगा साथ ही आहार - अनुदान योजना के तहत लगभग दो लाख महिला लाभार्थियों को आहार अनुदान की मासिक किश्तों का वितरण भी पीएम मोदी ने किया था. इसका लोकसभा के चुनावों में बीजेपी को फायदा मिला और आदिवासी बहुल सहित प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने अपना कब्जा जमा लिया.
हर चुनाव के साथ आदिवासियों का रुझान बीजेपी के लिए है बढ़ा
हर चुनाव के साथ आदिवासी और अधिक मजबूती के साथ बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं. पिछले चार लोकसभा चुनावों के आंकड़ें उठा कर देखें तो पता चलता है कि बीजेपी के प्रति आदिवासियों का रुझान लगातार बढ़ रहा है. लोकनीति सीएसडीएस के पोस्ट पोल सर्वे के मुताबिक 2004 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 28 जबकि कांग्रेस को 37 प्रतिशत आदिवासी वोट मिले थे. 2009 में बीजेपी को 24 और कांग्रेस को 38 प्रतिशत आदिवासी वोट मिले थे. 2014 में बीजेपी को 38 जबकि कांग्रेस को 28 प्रतिशत वोट मिले थे. 2019 में बीजेपी को 44 जबकि कांग्रेस को 31 प्रतिशत वोट मिले थे. जिससे ये कहा जा सकता है समय के साथ आदिवासी वोट बीजेपी के साथ अधिक संख्या में जुड़ता चला गया है. अभी लोकसभा 2024 के चुनावों के बारें में आदिवासी समुदाय के वोटों को लेकर कोई आंकड़े नहीं आए हैं लेकिन लग रहा है कि इस बार भी आदिवासी समुदाय ने जमकर बीजेपी को वोट किया है.
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