MP DGP Order: दागदार माननीयों को सलाम ठोकेंगे पुलिस वाले, तो कैसे करेंगे कार्रवाई, DGP के आदेश पर पटवारी ने उठाए गंभीर सावल

MP DGP Order to Salute MLA and MP: जीतू पटवारी ने लिखा है कि पुलिसकर्मी ऐसे नेताओं को, जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि है, सलामी देंगे, तो यह न केवल उनकी निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर प्रश्न उठाएगा, बल्कि अपराध की जांच और रोकथाम में भी बाधा उत्पन्न करेगा.

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MP Police Salute MLA and MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के पुलिस विभाग के उस आदेश पर राज्य में राजनीति गरमा गई है, जिसमें कहा गया है कि पुलिस वालों से विधायकों और सांसदों को सलामी देने के लिए कहा था. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने डीजीपी को पत्र लिखकर इस फैसले को वापस लेने की मांग की है. पटवारी ने कहा कि यदि गंभीर आपराधिक मामलों में नामजद जनप्रतिनिधियों को पुलिस सलामी देगी, तो  पुलिस की साख और निष्पक्षता प्रभावित होगी. 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने DGP कैलाश मकवाना को लिखे पत्र में कहा है कि मैं आपका ध्यान मध्य प्रदेश पुलिस विभाग की ओर से हाल ही में जारी उस निर्देश की ओर आकर्षित करना चाहता हूं, जिसमें वर्दीधारी पुलिसकर्मियों को सांसदों और विधायकों को सलामी देने का आदेश दिया गया है. इस निर्देश के संदर्भ में कुछ तथ्य विशेष रूप से चिंताजनक हैं. 

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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की ओर से भेजा गया पत्र.
Photo Credit: Akash dwivedi

... गंभीर अपराध में लिप्त माननीयों पर कैसे होगी कार्रवाई?

पटवारी ने लिखा कि मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 29 सांसदों में से 9 (31%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. बीजेपी के 163 विधायकों में से 51 (31%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 16 (10%) पर गंभीर आपराधिक मामले (जैसे हत्या, बलात्कार, डकैती, अपहरण आदि के हैं, जिनमें 7 वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान है) शामिल हैं. वहीं, मध्य प्रदेश की मोहन सरकार के 31 मंत्रियों में से 12 (39%) पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें 3 (10%) पर गंभीर आपराधिक मामले हैं.

इन आंकड़ों को देखते हुए, यह अत्यंत चिंताजनक है कि जिन जन प्रतिनिधियों पर आपराधिक और गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, उन्हें पुलिस की ओर से सलामी दी जाए. पुलिस का प्राथमिक दायित्व कानून-व्यवस्था बनाए रखना, अपराध की जांच करना और उसकी रोकथाम करना है. यदि पुलिसकर्मी ऐसे नेताओं को, जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि है, सलामी देंगे, तो यह न केवल उनकी निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर प्रश्न उठाएगा, बल्कि अपराध की जांच और रोकथाम में भी बाधा उत्पन्न करेगा. ऐसी स्थिति में पुलिसकर्मी दबाव में आ सकते हैं, जिससे अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना कठिन हो जाएगा.

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यह निर्देश न केवल पुलिस की विश्वसनीयता को कम करता है, बल्कि समाज में अपराध के प्रति गलत संदेश भी देता है. यह पुलिसकर्मियों के मनोबल और जनता के बीच कानून के प्रति विश्वास को कमजोर कर सकता है. लिहाजा, मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूं कि उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सांसदों और विधायकों को सलामी देने के निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए. यह कदम न केवल पुलिस विभाग की गरिमा को बनाए रखेगा, बल्कि अपराध की जांच और रोकथाम में पुलिस की प्रभावशीलता को भी मजबूत करेगा. कृपया इस गंभीर मुद्दे पर विचार करें और इस निर्णय की समीक्षा कर उचित कार्रवाई करें. समाज में कानून के प्रति विश्वास बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है.

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