Madhya Pradesh Government Budget 2025-26 : मध्य प्रदेश सरकार का इस वर्ष का ये बजट काफी खास रहा है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बताया कि विकसित मध्यप्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति के लिए आवश्यक औद्योगिक निवेश और प्रदेश के समावेशी विकास के लिये प्रारंभ किए गए 4 मिशनों से अवगत कराया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सुदृढ़ अधोसंरचना की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. बजट में सड़क, रेलवे, एयरपोर्ट और शहरी विकास का विशेष ध्यान दिया गया है.
वर्ष 2020-21 में केन्द्र सरकार द्वारा प्रारम्भ पूंजीगत व्यय के लिए विशेष केंद्रीय सहायता योजना में हमारा प्रदेश अग्रणी प्रदेश रहा है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रदेश का कुल पूंजीगत परिव्यय रुपये 57 हज़ार 348 करोड़ था, जो लगभग 13 प्रतिशत वृद्धि के साथ वर्ष 2024-25 में रुपये 64 हज़ार 738 करोड़ अनुमानित है, जिसे वर्ष 2025-26 में 31 प्रतिशत बढ़ाकर रुपये 85 हजार 76 करोड़ किया जाना प्रस्तावित है.नागरिक सुविधाओं एवं औद्योगीकरण में वृद्धि के दृष्टिगत वित्त वर्ष 2024-25 में 3 हजार 750 किलोमीटर सड़क निर्माण तथा उन्नयन, 850 किलोमीटर सड़क नवीनीकरण एवं 42 पुलों तथा रेलवे ओवर ब्रिज के निर्माण पूर्ण किये गये हैं.
कुल 116 नवीन रेलवे ओव्हर ब्रिज निर्माण कार्य प्रगति पर
रेल्वे क्रॉसिंग पर यातायात बाधित होने से समय एवं ईंधन के अपव्यय को रोकने हेतु रेल्वे ओव्हर ब्रिज (आर.ओ.बी.) एवं रेलवे अंडर ब्रिज (आर.यू.बी) के निर्माण कार्य रेलवे से समन्वय कर प्राथमिकता से कराये जा रहे हैं। प्रदेश में रुपये 4 हज़ार 251 करोड़ लागत के कुल 116 नवीन रेलवे ओव्हर ब्रिज निर्माण कार्य प्रगति पर हैं.
रोड नेटवर्क, एक्सप्रेस-वे, मेट्रो, एलिवेटेड कॉरिडोर जैसी अनेक परियोजनाओं के साथ प्रदेश अधोसंरचना विकास में तेजी से आगे बढ़ रहा है. भोपाल, देवास, ग्वालियर, जबलपुर, सतना एवं इंदौर में एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण कार्य प्रगतिरत हैं. उज्जैन-जावरा 4-लेन के निर्माण से उज्जैन, इन्दौर एवं आसपास के क्षेत्र, मुंबई-दिल्ली 8-लेन कॉरिडोर से जुड़ जायेंगे. वहीं, राष्ट्रपति के कर कमलों से रुपये 1 हजार 692 करोड़ की अनुमानित लागत के उज्जैन-इंदौर 6-लेन मार्ग का भूमि पूजन हो चुका है.
यहां सड़कों का निर्माण प्रायोगिक तौर पर प्रारंभ
प्रदेश में सड़क निर्माण में नवीन तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है.पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से फुल डेप्थ रिक्लेमेशन पद्धति द्वारा ग्वालियर, गुना, दतिया जिलों में सड़कों का निर्माण प्रायोगिक तौर पर प्रारंभ किया गया. जेट पेचर, वेलोसिटी पेचर, इन्फ्रारेड, माइक्रोसर्फेसिंग पद्धति से सड़कों की मरम्मत, व्हाइट-टॉपिंग तकनीक से सीमेंट कॉक्रीट सड़कों का निर्माण किया जा रहा है.
प्रदेश में आगामी 5 वर्षों में एक लाख किलोमीटर सड़क बनाई जाने का लक्ष्य है. इसी तरह प्रदेश में आगामी 5 वर्षों में 500 रेल ओवरब्रिज एवं फ्लाईओवर निर्मित किये जायेंगे. इस वर्ष 3 हज़ार 500 किलोमीटर नवीन सड़कें तथा 70 पुल बनाए जाने का लक्ष्य है.
बारहमासी मार्ग से जोड़ा जा चुका
"प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना" अंतर्गत वित वर्ष 2024-25 में लगभग 1 हजार किलोमीटर सड़कों के निर्माण एवं लगभग 5 हजार 200 किलोमीटर सड़कों के नवीनीकरण का लक्ष्य पूर्ण होगा. "मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना" के अंतर्गत अब तक 8 हजार 631 ग्रामों को, 19 हजार 472 किलोमीटर लंबाई की सड़कें निर्मित कर, बारहमासी मार्ग से जोड़ा जा चुका है. पंचायतों में पहुँचने हेतु सड़क उपलब्ध नहीं है.
नगरी विकास के लिए बड़ी सौगात
प्रदेश की विशिष्ट पहचान, नगरी में उपलब्ध अधोसंरचनाओं एवं सुविधाओं के आधार पर होती है. विगत वर्षों में प्रदेश के शहरों ने स्वच्छता, प्रदूषण नियंत्रण, सड़क निर्माण, आधुनिक तकनीक के उपयोग एवं जनसुविधाओं के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है. नगरीय क्षेत्री में वृक्षारोपण, उद्यान, नगर वन एवं अन्य हरित संरचनाओं के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण किया जा रहा है. नगरीय निकाय, अपने बेहतर प्रशासन एवं कार्यप्रणाली से नगरी की विशिष्टता, ऐतिहासिकता एवं सांस्कृतिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुये विकास कार्य कर रहे हैं.
तेजी से बढ़ते शहरीकरण के दृष्टिगत बड़े शहरों का समेकित विकास मेट्रोपॉलिटन एरिया की तर्ज पर किया जाना लक्षित है. प्रदेश की खनन राजधानी कहे जाने वाले सिंगरौली को, खनन के साथ विकास के मद्देनजर, एक नए नगर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे लगभग 50 हजार नागरिकों को एक नवीन एवं सुव्यवस्थित नगर की सुविधाएं मिल सकेंगी.
'अगले 5 वर्षों में 10 लाख नए आवासों के निर्माण का लक्ष्य'
देश में पी.एम. स्वनिधि योजना में प्रथम स्थान और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है. स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 में प्रदेश को जहां दूसरे स्वच्छतम राज्य का सम्मान प्राप्त हुआ. वहीं, इंदौर को सातवी बार स्वच्छलम शहर का सम्मान प्राप्त हुआ. भोपाल को देश की स्वच्छतम राजधानी होने का सम्मान प्राप्त हुआ है.प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गल 8 लाख 30 हज़ार आवास निर्मित हो चुके हैं. अगले 5 वर्षों में 10 लाख नए आवासों के निर्माण का लक्ष्य है. अमृत 2.0 योजना के अन्तर्गत 1 लाख से अधिक आबादी वाले 33 शहरों में जल आपूर्ति और सीवर लाइन बिछाने का कार्य किया जा रहा है. नगरों के विकास के लिए त्वरित व सुलभ शहरी परिवहन आवश्यक है. प्रदेश के इंदौर एवं भोपाल में मेट्रो रेल का संचालन शीघ्र प्रारंभ होने के साथ-साथ अन्य प्रमुख शहरों में केबल कार का भी संचालन किया जाएगा.
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