Mother's Day पर वृद्धाश्रम में दिखा भावुक करने वाला नजारा, गैरों का प्यार पाकर भावुक हुई 'मां'

Mother's Day: विदिशा जिले के हरी वृद्धाश्रम में एक नहीं, बल्कि सैंकड़ों ऐसी मांएं हैं, जो अपने बेटों के गम की सताई हुई हैं. यह मां कहती हैं कि हमें अपनों ने ठुकराया और गैरों ने अपनाया है. यह बड़ी बात है कि 80 साल की महिला अपने जीवन के आखिरी पड़ाव को आश्रम में काटने को मजबूर हैं. वहीं, कुछ मांएं स्टेशनों पर भीख मांगकर अपना गुजारा कर रही हैं.

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Mother's Day: आज पूरा देश मदर्स-डे मना रहा है. इस मौके पर घरों से लेकर कई संस्थानों तक में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं. वहीं, सोशल मीडिया पर मदर्स-डे मनाने और मां के नाम संदेश शेयर करने वालों की तो बाढ़ सी आई हुई है. वहीं, लाखों ऐसी माएं भी हैं, जो अपनी जिंदगी के आखिरी पल में वृद्धाश्रम के अंधेरे कमरों में काटने को मजबूर हैं. आज हम ऐसे ही कुछ माओं की दर्द भरी दास्तान आपसे शेयर करने जा रहे हैं.

 विदिशा जिले के हरी वृद्धाश्रम में एक नहीं, बल्कि सैंकड़ों ऐसी मांएं हैं, जो अपने बेटों के गम की सताई हुई हैं. यह मां कहती हैं कि हमें अपनों ने ठुकराया और गैरों ने अपनाया है. यह बड़ी बात है कि 80 साल की महिला अपने जीवन के आखिरी पड़ाव को आश्रम में काटने को मजबूर हैं. वहीं, कुछ मांएं स्टेशनों पर भीख मांगकर अपना गुजारा कर रही हैं.

बीते लम्हों को याद करके आज भी आंखें हो जाती हैं नम

वृद्धाश्रम में रह रही 80 साल की बुजुर्ग महिला आज भी अपने पुराने लम्हों को याद करके आंखे नम कर लेती हैं. कहती हैं पहले जिंदगी के लिए संघर्ष किया, फिर अपनी औलाद को बड़ा करने के लिए अब आखरी लम्हा है, तो जीने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इतना दर्द सहने के बाद भी यह मां अपने बेटों के लिए दुआ करते हुए कहती हैं कि भगवान उन्हें अच्छा रखे. आश्रम में सैकड़ों बुजुर्ग महिलाएं हैं, जो अपनों की सताई हुई है. बेटे-बहू ने घर से निकाल दिया शायद जब इंसान बूढ़ा हो जाता है, तो वो किसी के काम नहीं आता है. आखिर में बोझ समझ लिए जाते हैं. इसलिए हमारे बेटे बहू ने भी हमें घरों से निकाल दिया है.

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सोशल मीडिया पर उमड़ा एक दिन का मां का प्यार

मदर्स डे पर हर कोई अपने-अपने तरीके से मां दिवस मना रहा है. हालांकि, एक दिन का प्यार यह सोशल मीडिया तक ही सिमटा हुआ दिखाई दे रहा है. सोशल मीडिया पर मां के प्यार को लेकर अलग-अलग राय है. लोगों का कहना है कि मां दिवस किसी एक दिन नहीं, बल्कि हर दिन होता है, तो कुछ लोगों का कहना है मदर्स-डे हमे मां की याद दिलाती है.

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मदर्स-डे पर कई लोगों ने वृद्धाश्रम में कराया बुजुर्गों को भोजन

मां दिवस के मौके पर बुजुर्ग महिलाओं को शहर के कई समाजसेवियों ने भोजन करा कर अपनी मां को याद किया. बुजुर्ग महिलाओं ने भी अपने नम आंखों से सभी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि हमें तो अपनों ने ठुकराया, गैरों ने अपनाया है.

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