Chitrakoot: सोमवती अमावस्या पर 13 लाख से अधिक भक्तों ने यहां लगाई आस्था की डुबकी, इन दोषों से मुक्ति मिलने की है मान्यता

MP Satna Chitrakoot News In Hindi: भगवान श्री राम की तपस्थली चित्रकूट अपने धार्मिक आध्यत्मिक महत्व के लिए दुनिया भर में प्रख्यात है. यहां भाद्रपद की सोमवती अमावस्या पर लाखों भक्तों का हुजूम पहुंचा. सभी ने पहले मां मंदाकिनी में पून्य अस्नान किए. फिर भगवान कामतानाथ स्वामी जी की परिक्रमा की. बता दें, यहां सोमी अमावस्या का विशेष महत्व है.

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Somvati Amavasya  Amavasya IN Chitrakoot:  एमपी (Madhya Pradesh) और यूपी की सीमा पर मौजूद प्रभु श्रीराम की तपोस्थली चित्रकूट (Chitrakoot) में भाद्रपद सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya ) के दिन आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. रविवार से दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं ने कामतानाथ धाम पहुंचकर मां मंदाकिनी में डुबकी लगाई. इसके बाद कामदगिरी पर्वत की प्रदक्षिणा कर प्रभु के दर्शन और आशीर्वाद प्राप्त किया.

बस और ट्रेनें फुल चल रही हैं

सोमवार की दोपहर तक लगभग 13 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र धाम चित्रकूट पहुंचने का पुण्य लाभ प्राप्त किया. अधिकारियों का अनुमान है कि देर शाम तक यहां लगभग 15 लाख से अधिक भक्त प्रभु के दर्शन को पहुंचेंगे.  रविवार को ही हजारों श्रद्धालु पैदल ही धर्मनगरी पहुंच गये. बस व ट्रेन फुल चल रही हैं.मुख्य स्नान सोमवार को होने के बाद भी रविवार को ही लाखों श्रद्धालुओं ने मंदाकिनी में डुबकी लगाई. इन सभी की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई थी.

मेले में भारी तादात में पहुंचे श्रद्धालु 

भाद्रपद सोमी अमावस्या पर चित्रकूट पहुंचे 13 लाख से अधिक श्रद्धालु.

भाद्रपद अमावस्या का तीर्थक्षेत्र में अलग महत्व है.दीपावली के पूर्व होने वाली यह वह अमावस्या है, जिस अवसर पर दूरदराज , भी लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं.अमावस्या का मेले में भारी तादात में श्रद्धालु पैदल ही तीर्थक्षेत्र पहुंचे. राष्ट्रीय राजमार्ग पर रात भर आस्थावानों का रेला पैदल चलता नजर आया. इसके अलावा निजी वाहनों और सरकारी बसों, ट्रेनों से भी श्रद्धालु तीर्थक्षेत्र पहुंचे. लोगों ने मंदाकिनी में स्नान कर रामघाट में मत्यगजेंद्र नाथ भगवान का जलाभिषेक किया , कामदगिरि की परिक्रमा लगाई. 

जानें क्या है भाद्रपद सोमवती अमावस्या का महत्व

पंडित चंद्रमौलि शास्त्री ने बताया कि सोमवती अमावस्या पितृदोष से मुक्ति पाने का विशेष दिन होता है. भाद्रपद की अमावस्या में इस दिन तर्पण, दान आदि कार्य करने का विशेष महत्व माना गया. ये दिन काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी खास माना गया है. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा, कथा का श्रवण किया जाता है. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. वहीं, सभी लोग चित्रकूट पहुंचकर यहां दर्शन लाभ प्राप्त करते हैं.

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तैनात रहे एक हजार पुलिसकर्मी

सोमवती अमावस्या में आस्था की उमड़ी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. लगभग एक हजार से अधिक पुलिसकर्मियों ने सुरक्षा की कमान संभाल कर रखी. मंदाकनी नदी , भगवान मत्यागजेंद्र नाथ शिव मंदिर, कामदगिरि परिक्रमा मार्ग, हनुमानधारा, गुप्तगोदावरी, सतीअनुसुइया, सहित क्षेत्र में जवानों की तैनाती रही. भाद्रपद सोमवती अमावस्या को लेकर कई जोन में मेला परिसर बांटा गया. उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश प्रशासन ने जवान तैनात कर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखा.

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इममें बैठकर जांची सुरक्षा 

चित्रकूट की मंदाकिनी नदी में लाखों श्रद्धालु पहुंचे.इस दौरान कोई हादसा न होने पाए इसके लिए नदी में मोटर वोट की व्यवस्था भी की गई. चित्रकूट पहुंचे कलेक्टर अनुराग वर्मा और एसपी आशुतोष गुप्ता के द्वारा मोटर वोट के जरिए सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया. 

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