Mona Dangi Success Story: ट्यूशन पढ़ाकर घर चलाने वाली एक साधारण लड़की ने अपने संघर्ष को अपनी ताकत बनाया. मेहनत, अनुशासन और हार न मानने के जज़्बे ने मोना दांगी को उस मुकाम तक पहुंचाया, जहां पहुंचने का सपना लाखों युवा देखते हैं. मध्य प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर बनने वाली मोना दांगी ने एक ही साल में चार बड़े एग्ज़ाम क्लियर किए. मोना आज हर उस छात्र के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, जो सीमित संसाधनों में बड़ा सपना देखता है.
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Mona Dangi Success Story Deputy Collector Madhya Pradesh MPPSC Topper
Photo Credit: facebook.com/mona.dangi.948
2018 से शुरू हुआ सफर: MPPSC की तैयारी का निर्णय
साल 2018 में 12वीं कक्षा पास करने के बाद ही मोना ने ठान लिया था कि अब MPPSC की तैयारी करेंगी और डिप्टी कलेक्टर बनकर माता-पिता का सपना पूरा करेंगी. इसी ख्वाब को लेकर वे इंदौर के भंवरकुआं पहुंचीं, जहाँ कई coaching institutes सिविल सेवाओं की तैयारी करवाते हैं. लेकिन सभी संस्थानों ने 12वीं के बाद 3 साल के फाउंडेशन कोर्स की फीस 2.5 से 3 लाख रुपए बताई. लाखों की फीस सुनकर कोचिंग ज्वाइन करने का फैसला टालना पड़ा, लेकिन हिम्मत नहीं हारी और मेहनत जारी रही. नतीजा आज सबके सामने है.
NDTV से बातचीत में डिप्टी कलेक्टर मोना दांगी ने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति, माता-पिता के संघर्ष और अपनी सफलता की यात्रा का विस्तार से बताया. MPPSC 2023 की सिविल सेवा परीक्षा में मोना ने 12वीं रैंक हासिल की. वर्ष 2018 में शुरू हुआ उनका सफर आखिरकार 2025 में मुकाम तक पहुंच गया.
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इकोदिया गांव की बेटी: मोना दांगी का जन्म और परिवार
मध्य प्रदेश की नई-नवेली डिप्टी कलेक्टर मोना दांगी का जन्म 5 फरवरी 2001 को हुआ. वे मूल रूप से अशोकनगर जिले के मुंगावली विकासखंड के गांव इकोदिया की रहने वाली हैं. मोना के पिता प्राण सिंह दांगी इंदौर में इलेक्ट्रॉनिक्स फैक्ट्री में सुपरवाइजर और लघु किसान हैं. 8 नवंबर 2025 को MPPSC 2023 का फाइनल परिणाम आने पर पूरे इकोदिया गांव में खुशी की लहर दौड़ गई. परिवार की बुजुर्ग महिलाएं तक उन्हें गले लगाकर बधाई देती रहीं.
सरकारी स्कूल से पढ़ाई और कॉलेज के पहले साल से तैयारी
मोना ने मुंगावली के सरकारी स्कूल से 12वीं पास की और इसके बाद इंदौर के महारानी लक्ष्मीबाई कन्या कॉलेज से BSc की डिग्री ली.
उन्होंने Political Science में MA भी किया. कॉलेज के प्रथम वर्ष में दाखिला लेते ही उन्होंने MPPSC की तैयारी शुरू कर दी थी.
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ट्यूशन पढ़ाया और पार्ट-टाइम Job
साल 2018 में मोना के पिता अपनी जमीन किसी को बुवाई के लिए देकर इंदौर में काम करने लगे. मोना अपनी पढ़ाई और तैयारी का बोझ पिता पर नहीं डालना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया और शाम को Computer Operator के रूप में पार्ट-टाइम नौकरी भी की.
बहन की किताबों से तैयारी
मोना चार भाई-बहन हैं. बड़ी बहन पूजा दांगी भी PCS की तैयारी कर रही हैं. बहन की किताबों से पढ़कर ही मोना ने MPPSC Prelims क्लियर किया. दूसरी बहन सोना दांगी और भाई देव दांगी भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं. इसी बीच एक दोस्त ने उन्हें Disha prakalp इंदौर (निःशुल्क कोचिंग) के बारे में बताया, जिसमें उन्होंने तैयारी जारी रखी.
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एक ही साल में चार बड़ी परीक्षाओं में सफलता
साल 2025 में मोना ने चार प्रमुख परीक्षाएं पास कीं
- MPPSC 2022
- MP SET
- UGC NET
- MPPSC 2023 (नवंबर में)
दूसरे प्रयास में डिप्टी कलेक्टर बनीं
मोना ने MPPSC में दो प्रयास किए. पहले प्रयास में उन्होंने MPPSC 2022 पास किया और वाणिज्य कर निरीक्षक बनीं, जिसमें उन्हें 34वीं रैंक मिली. दूसरे प्रयास में नवंबर 2025 में 12वीं रैंक लाकर डिप्टी कलेक्टर बनीं. वर्तमान में वे वाणिज्य कर विभाग, इंदौर में कार्यरत हैं.
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ग्रामीण बालिकाओं के लिए प्रेरक संदेश
मोना का कहना है कि ग्रामीण बालिकाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन उन्हें मंच नहीं मिलता. अक्सर 12वीं के बाद ही परिवार परिजन बेटियों पर शादी का दबाव बनाना शुरू कर देते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई रुक जाती है. वे अपील करती हैं-“बेटियों को पढ़ाई और सीखने का पूरा अवसर देना चाहिए. तभी वे ऊंची उड़ान भर पाएंगी.”
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