Mauganj Violence Update: हिंसा के बाद अब मऊगंज हुआ सुनसान, घरों में बंधे बेजुबानों को खाने के पड़े लाले, तो पुलिस वाले बने सेवक

Mauganj Violence Action: मऊगंज में हिंसा के बाद पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. हिंसा के बाद ग्रामीण दहशत में हैं. प्रशासन शांति बहाली में जुटा हुआ है. आइए आपको बताते हैं मऊगंज की वर्तमान स्थिति कैसी है?

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मऊगंज में पुलिस कर रही शांति बहाल

Police Action in Mauganj: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मऊगंज जिले के गड़रा गांव में 15 मार्च को हुई भयानक हिंसा (Public Violence) के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है... युवक राहिल उर्फ सनी द्विवेदी की पीट-पीटकर हत्या और पुलिस अधिकारियों पर हमले की घटना के बाद पूरा गांव पुलिस छावनी बन गया है. हालात इतने गंभीर हैं कि अधिकांश ग्रामीण गांव छोड़कर जा चुके हैं, कुछ को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जबकि कई न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जा चुके हैं... ऐसे में ज्यादातर घरों के बाहर ताले लटके हुए नजर आ रहे हैं और मवेशियों को दाना-पानी पुलिस दे रही है.

कैसे हुई थी हिंसा की शुरुआत?

मऊगंज में हिंसा की शुरुआत तब हुई जब ग्रामीणों ने शक के आधार पर सनी द्विवेदी को बंधक बनाकर बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद जब युवक के परिजन उसे बचाने पहुंचे, तो उन्हें भी बस्ती वालों ने पीट दिया. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस भीड़ को समझाने का प्रयास कर रही थी, लेकिन आक्रोशित भीड़ ने एसडीओपी सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया और उन्हें बंधक बना लिया. इस हमले में टीआई संदीप भारती, तहसीलदार कुंवारे लाल पनिका सहित कई अन्य अधिकारी घायल हुए.

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मऊगंज में घरों के बाहर लटके ताले

48 राउंड हुई थी हवाई फायरिंग

पुलिस बल ने बड़ी मुश्किल के बाद बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों को छुड़ाया था. यहां तक कि बैकअप करते समय 48 राउंड एयर फायरिंग करते हुए स्थिति को नियंत्रण में लिया गया था. इस हमले में एक पुलिस अधिकारी की भी मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. जिसके बाद प्रदेशभर में इस घटना की निंदा हो रही है. मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने मौके का जायजा लिया और शहीद पुलिस अधिकारी को श्रद्धांजलि दी.

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सीएम मोहन यादव ने लिया था संज्ञान

इस घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने संवेदनाएं व्यक्त करते हुए तत्काल प्रभाव से मऊगंज जिले के कलेक्टर अजय श्रीवास्तव और एसपी रसना ठाकुर को मुख्यालय अटैच कर दिया है. गांव में अब भी भारी पुलिस बल तैनात है, प्रशासन लगातार ग्रामीणों से संवाद कर शांति बहाली की अपील कर रहा है. इसी बीच, गांव में छूट गए मवेशियों के लिए भी पुलिस द्वारा चारा-पानी की व्यवस्था की जा रही है.

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क्या है ताजा हालात?

मऊगंज में स्थिति पर प्रशासन की कड़ी नजर बनी हुई है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए गए हैं. पूरे मामले को लेकर अब तक कुल 41आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है, जिसमें 32 आरोपियों को न्यायलय में पेश कर जेल भेज दिया गया है. जेल भेजे गए आरोपियों में नाबालिगों को बाल संप्रेक्षण बंदी गृह में रखा गया है, बाकी संदिग्ध आरोपियों के गिरफ्तारी के लिए विभिन्न ठिकानों में दबिश दी जा रही हैं. शाहपुर थाना अंतर्गत रेहड़ा के जंगलों में छिपे आरोपी पुलिस बल पहुंचते ही चकमा देने में कामयाब हो गए. दिनभर सर्चिंग अभियान चलाया गया अंततः शाम को पुलिस को हाथ खाली लौटना पड़ा.

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