Panchayat Politics: जिसके खिलाफ लेकर आए थे अविश्वास प्रस्ताव, वोटिंग के बाद फिर वही चुन लिया गया सरपंच

No-Confidence Motion: दरअसल, ग्राम पंचायत पतुलखी छत्रपाल के पंचायत भवन में पीठासीन अधिकारी की निगरानी में सरपंच के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन की प्रक्रिया में कुल 17 पंचों में से 10 पंचों ने मौजूदा सरपंच अनुराधा साकेत के पक्ष में मत देकर उन्हें फिर से विजयी बना दिया.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
After no confidence voting sarpanch Anuradha saket gain majority again

Gram Panchayat Politics: मऊगंज जिले के हनुमना जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत पतुलखी छत्रपाल की पंचायत राजनीति ने मंगलवार को उस वक्त बड़ा मोड़ ले लिया, जब सरपंच अनुराधा साकेत के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव की साजिश न सिर्फ धराशायी हुई, बल्कि अविश्वास प्रस्ताव खुद ही सवालों के घेरे में भी आ गई.

दरअसल, ग्राम पंचायत पतुलखी छत्रपाल के पंचायत भवन में पीठासीन अधिकारी की निगरानी में सरपंच के विरुद्ध लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मत विभाजन की प्रक्रिया में कुल 17 पंचों में से 10 पंचों ने मौजूदा सरपंच अनुराधा साकेत के पक्ष में मत देकर उन्हें फिर से विजयी बना दिया.

ये भी पढ़ें-Emergency Landing: उड़ान भरते ही विमान में आई तकनीकी खराबी, इंदौर में करानी पड़ी INDIGO फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग

सवालों के घेरे में आया अविश्वास प्रस्ताव

पीठासीन अधिकारी तहसीलदार बैसाखुलाल प्रजापति की निगरानी में संपन्न हुए अविश्वास प्रस्ताव के मत विभाजन की प्रक्रिया में दोबारा सरंपच चुनी गई अनुराधा साकेत अब गांव के गलियारों व चौराहों पर चर्चा में बनी हुई हैं. मंगलवार को मत विभाजन प्रक्रिया में 10 पंच ने अनुराधा साकेत के पक्ष में वोट किया. दिलचस्प है कि ये 10 पंच पहले ही उनके समर्थन में थे.

विकास में बाधा डालने की साजिश थी?

स्थानीय लोगों का कहना है कि सरपंच अनुराधा साकेत ने अपने कार्यकाल में पंचायत में पारदर्शिता और विकास को प्राथमिकता दी है, लेकिन अपनी स्वार्थपूर्ति नहीं कर सके पंचायत में बैठे कुछ असंतुष्ट चेहरों ने उनके खिलाफ यह षड्यंत्र रचा. उनके मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव का पूरा खेल सिर्फ अस्थिरता फैलाने के लिए रचा गया था.

ये भी पढ़ें-Court Verdict: एक ही परिवार के 12 हत्यारोपियों को उम्रकैद, अदालत ने सुनाया सख्त फैसला, जमीन विवाद में हुई थी हत्या

सरपंच अनुराधा साकेत के समर्थन में वोट करने वाले 10 पंच पहले भी उनके समर्थन में वोट कर चुके थे, सवाल उठा कि फिर अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया गया? क्या कुछ तत्व पंचायत की स्थिरता को डगमगाना चाहते थे ताकि गांव के विकास को अवरुद्ध किया जा सके?

ये भी पढ़ें-House Under PMAY: स्वीकृति के बाद भी नहीं मिला PM आवास स्कीम का घर, दर-दर भटकने को मजूबर हुई विधवा

नेतृत्व की जीत, साजिशकर्ताओं की हुई हार

रिपोर्ट के मुताबिक सरपंच अनुराधा साकेत के खिलाफ लाए गए अविश्वास के परिणाम ने न सिर्फ अनुराधा साकेत को एक बार फिर पंचायत की कमान सौंप दी है, बल्कि उनके नेतृत्व में जनता का विश्वास भी दोहराया है. वहीं विपक्षी खेमा जो पर्दे के पीछे रहकर दांव-पेंच खेल रहा था, वह पूरी तरह से बेनकाब और विफल हो गया.

Advertisement

पीठासीन अधिकारी की भूमिका रही सराहनीय 

सरपंच अनुराधा साकेत के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का हश्र सबके सामने आ गया जब 10 पंचों ने मत विभाजन प्रक्रिया में दोबारा सरपंच चुन लिया. मत विभाजन प्रक्रिया के दौरान तहसीलदार बैसाखुलाल प्रजापति ने निष्पक्षता और शांति बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई, जिससे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हुई.

ये भी पढ़ें-e-Attendance Scam: 100 फीसदी ई-अटेंडेंस वाले MP के विदिशा जिले में बड़ा डिजिटल घोटाला, फर्जी हाजिरी लगाकर सैलरी उठाने वाले तीन शिक्षक बर्खास्त