Mauganj Health Camp Death: मऊगंज के हनुमना में लगे विशाल स्वास्थ्य शिविर में उस समय हड़कंप मच गया, जब शुगर की बीमारी का इलाज कराने पहुंची 50 वर्षीय नीतू कोल की अचानक मौत हो गई. हैरानी की बात यह है कि शिविर में करीब 75 डॉक्टर मौजूद थे, फिर भी महिला की जान नहीं बच सकी. इतना बड़ा आयोजन, भारी-भरकम सुविधाएं और विशेषज्ञ डॉक्टरों की मौजूदगी के बावजूद हुई इस घटना ने व्यवस्थाओं पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
दरअसल, हनुमना नगर परिषद में लगे दो दिवसीय मुफ्त स्वास्थ्य शिविर में गोरमा दादर निवासी 50 वर्षीय नीतू कोल इलाज कराने पहुंची थीं. तीन साल से शुगर से परेशान नीतू की हालत शिविर में ही बिगड़ गई और कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई. घटना के बाद शिविर में मौजूद लोग घबराए और पूरे आयोजन पर सवाल उठने लगे.
डिप्टी सीएम ने कुछ घंटे पहले किया था शुभारंभ
दोपहर करीब 1 बजे इस शिविर का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने किया था. उन्होंने भारत माता और भगवान गणेश के चित्र पर माल्यार्पण कर शिविर की शुरुआत की थी. उनके साथ विधायक प्रदीप पटेल, कलेक्टर, एसपी और अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
मऊगंज जिले का सबसे बड़ा स्वास्थ्य शिविर
यह शिविर 17 और 18 नवंबर को आयोजित किया गया था. विधायक प्रदीप पटेल की पहल पर एलएन मेडिकल कॉलेज और जेके हॉस्पिटल के डॉक्टरों की बड़ी टीम यहां जुटी थी. सुबह से ही हजारों लोग इलाज कराने पहुंचे और भारी भीड़ उमड़ती रही.
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36 विभाग के 75 डॉक्टर, फिर भी नहीं बची जान
जेके अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. रमेश शुक्ला ने बताया कि कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, सर्जरी, मेडिसिन जैसे 36 विभागों के लगभग 75 डॉक्टर शिविर में तैनात थे. पहले दिन 2500 मरीजों की जांच की गई और करीब 80 मरीजों को ऑपरेशन के लिए भोपाल रेफर किया गया. इसके बावजूद नीतू कोल को समय पर इलाज न मिल पाने की बात लोगों में चर्चा का विषय बनी रही.
कमिश्नर ने की व्यवस्थाओं की सराहना
शाम करीब 4:30 बजे कमिश्नर बीएस जामोद ने शिविर का दौरा किया. उन्होंने वहां की व्यवस्थाओं को अच्छा बताया और कहा कि अगले दिन और ज्यादा लोगों को लाभ मिल सके, इसके लिए टीम तैयार है.
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नगर परिषद प्रशासन पूरी तरह सक्रिय
नगर परिषद अध्यक्ष सोनू आशुतोष गुप्ता और सीएमओ अरुण त्यागी की टीम लगातार सफाई, पेयजल और अन्य व्यवस्थाओं को संभालने में जुटी रही. पूरे शिविर की मॉनीटरिंग की जा रही थी ताकि मरीजों को परेशानी न हो.
कई सुविधाओं के बावजूद उठ रहे सवाल
इतने बड़े स्तर का आयोजन और भारी संख्या में डॉक्टर मौजूद होने के बाद भी महिला की मौत होना चिंताजनक है. लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या भीड़ के कारण सही मेडिकल सपोर्ट नहीं मिल पाया या फिर व्यवस्थाओं में कोई कमी रह गई.