Manual Scavenging: सीवर चेंबर में फिर हादसा: सफाई कर रहे कर्मचारी की मौत, दो गंभीर, जानिए कैसे बचाया गया

Manual Scavenging: अदालत ने कहा, “यह सुखद है कि अब तक किसी सफाई कर्मचारी की मौत की खबर नहीं है. अब किसी भी हालत में मैनुअल स्कैवेंजिंग नहीं हो सकती और यह जिम्मेदारी सभी नगर निगमों और नगरपालिकाओं की है कि पूरे राज्य में कहीं भी मैनुअल स्कैवेंजिंग की अनुमति न दी जाए.”

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Manual Scavenging: सीवर चेंबर फिर हादसा: सफाई कर रहे तीन कर्मचारी हुए बेसुध, जानिए कैसे बचाया गया

Manual Scavenging in Satna: सतना नगर निगम क्षेत्र में बिछाई गई सीवर लाइन अब मानव जीवन के लिए खतरा बनती जा रही है. चार दिन में यह दूसरा मौका है जब सफाई के दौरान हादसा हो गया. नगर निगम के कृपालपुर इलाके में गुरुवार की दोपहर करीब 12 बजे त्रिवेणी पैलेस के पास सफाई करते समय तीन मजदूर अंदर बेहोश हो गए. जिसके बाद नगर निगम तथा पुलिस प्रशासन को सूचना दी गई. इससे पहले की अधिकारी मौके पर पहुंचते स्थानीय लोगों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए एंबुलेंस से ऑक्सीजन सिलेंडर लिया और अंदर जाकर  रस्सी के सहारे से तीनों कर्मचारियों को बाहर निकाला. प्राप्त जानकारी के अनुसार जहरीली गैस के कारण दम घुटने से एक सफाई कर्मचारी की मौत हो गई और दो अन्य को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले 22 सितम्बर को भी ऐसी ही घटना क्रिस्तुकुला स्कूल के पास पतेरी में हो चुकी है.

हाईकोर्ट ने दिए है ये निर्देश

मैनुअल स्कैवेंजिंग (हाथ से नालियों और सीवर की सफाई) के कारण होने वाली मौतों के लिए निगमों और नगरपालिकाओं के प्रमुखों को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराने के लिए, मद्रास हाईकोर्ट ने उन्हें लिखित शपथ-पत्र देने का निर्देश दिया है कि उनके क्षेत्राधिकार में किसी भी तरह की मैनुअल स्कैवेंजिंग की अनुमति नहीं होगी.

मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी और न्यायमूर्ति पी. डी. ऑडिकेसावालु की खंडपीठ ने बुधवार को कहा, “अदालत अंततः यह सुझाव दे सकती है कि भविष्य में जब भी कोई आयुक्त निगम या नगरपालिका प्रमुख का पद संभाले, तो वह यह शपथ-पत्र दे कि मैनुअल स्कैवेंजिंग की कोई गतिविधि उनके कार्यकाल में नहीं होगी.”

यह आदेश मैनुअल स्कैवेंजिंग को समाप्त करने के लिए दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान पारित किया गया.

अदालत ने कहा, “यह सुखद है कि अब तक किसी सफाई कर्मचारी की मौत की खबर नहीं है. अब किसी भी हालत में मैनुअल स्कैवेंजिंग नहीं हो सकती और यह जिम्मेदारी सभी नगर निगमों और नगरपालिकाओं की है कि पूरे राज्य में कहीं भी मैनुअल स्कैवेंजिंग की अनुमति न दी जाए.”

अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि निगमों और नगरपालिकाओं के आयुक्त तथा प्रमुख, यदि किसी भी प्रकार की मैनुअल स्कैवेंजिंग गतिविधि पाई जाती है या किसी हादसे में मौत होती है, तो व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माने जाएंगे.

इसके साथ ही अदालत ने कहा, “राज्य को चाहिए कि उपयुक्त मशीनें हासिल करे या सीवर लाइनों को बेहतर बनाए ताकि मैनुअल स्कैवेंजिंग की कहीं भी आवश्यकता ही न पड़े.” मामले को आगे सुनवाई के लिए 10 नवंबर तक स्थगित कर दिया गया है ताकि राज्य इस संबंध में नियमावली का मसौदा पेश कर सके.

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