रीवा जिले में कुछ दिन पहले एक कुत्ते ने पिता-पुत्र को एक कुत्ते ने काट लिया था. उसके बाद कुत्ते की मौत हो गई थी. फिर पिता पुत्र ने एक मेडिकल स्टोर के संचालक से कुत्ता काटने का इंजेक्शन लगवाया गया थाचौथा इंजेक्शन लगने के पहले ही पिता की मौत हो गई. आरोप है कि सरकारी अस्पताल में तैनात डॉक्टर ने अपने प्राइवेट नर्सिंग होम में 1 लाख 35 हजार रुपये जमा करा लिए. उसके बाद भी उन्हें संजय गांधी अस्पताल भेज दिया, जहां उनकी मौत हो गई.
रीवा जिले के गुढ थाना क्षेत्र के हरदुआ में एक पागल कुत्ते ने गांव में कई लोगों को काटा था, जिसमें पिता सुधीर कुमार पांडे और बेटे यश पांडे भी शामिल थे. उसके बाद कुत्ते की मौत हो गई. जितने भी लोगों को कुत्ते ने काटा था, उन सभी ने कुत्ता काटने का इंजेक्शन लगवाया था. पिता-पुत्र ने गुढ के एक निजी नर्सिंग होम संचालक से इंजेक्शन लगवाया था, लेकिन चौथा इंजेक्शन लगने के पहले ही सुधीर कुमार पांडे की हालत बिगड़ गई.
अस्पताल में भर्ती कराकर ले लिए 1 लाख 3 हजार
परिजन उनको रीवा के एक नर्सिंग होम में ले गए, जहां उनको भर्ती कर उपचार शुरू हो गया. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने लगभग 1 लाख 35 हजार रुपये जमा करा लिए. उसके बाद उनको संजय गांधी अस्पताल भिजवा दिया, लेकिन संजय गांधी अस्पताल में उचित इलाज न मिलने की वजह से सुधीर कुमार की मौत हो गई, जबकि उनके पुत्र यश पांडे फिलहाल ठीक बताया जा रहा है.
सरकारी डॉक्टर चलाता है निजी अस्पताल
निजी नर्सिंग होम के संचालक डॉक्टर संजय गांधी अस्पताल में ही नौकरी करते हैं, लेकिन यहां दो दिन तक एडमिट रहने के बावजूद एक भी दिन मरीज को देखने नहीं आए. वहीं, संजय गांधी अस्पताल प्रबंधन का कहना है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा मौत किस वजह से हुई है.
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