Fake Currency Notes: फैक्ट्री लगाकर हो रही थी नकली नोटों की छपाई, नजारा देख पुलिस भी रह गई हैरान

Fake Currency Notes Printing: नकली नोटों के रैकेट से जुड़े आरोपियों के कब्जे से कलर प्रिंटर, नोट छापने वाला कागज, लैपटॉप, एटीएम कार्ड और अन्य सामान बरामद किया गया है. यानी ये लोग नोट छापने के लिए बाकायदा फैक्ट्री लगा रखी थी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Fake Currency Notes Printing Center: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के इंदौर (Indore) में क्राइम ब्रांच (Crime Branch) ने शहर में नकली नोटों की छपाई (Fake Currency Notes Printing) के बड़े रैकेट का खुलासा किया है. पुलिस ने होटल में छापा मारकर इस रैकेट से जुड़े तीन युवकों को गिरफ्तार किया. वहीं, उनकी निशानदेही पर 2 अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया, जिनके पास से लाखों रुपये के नकली नोट बरामद हुए. पकड़े गए तीनों आरोपी छिंदवाड़ा जिले के रहने वाले हैं.

नकली नोटों के रैकेट से जुड़े आरोपियों के कब्जे से कलर प्रिंटर, नोट छापने वाला कागज, लैपटॉप, एटीएम कार्ड और अन्य सामान बरामद किया गया है. यानी ये लोग नोट छापने के लिए बाकायदा फैक्ट्री लगा रखी थी.

पुलिस ने नकली नोटों के सौदागर ऐसे दबोचा

दरअसल, क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि कुछ लोग होटल में नकली नोट बनाने का काम कर रहे हैं. सूचना पर डीसीपी राजेश त्रिपाठी के निर्देशन में कार्रवाई करते हुए क्राइम ब्रांच की टीम ने होटल में दबिश देकर अब्दुल शोएब, रहीश खान और प्रफुल्ल कुमार कोरी को गिरफ्तार किया. इन तीनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे निजी काम से इंदौर आए हैं और होटल में रुके हुए थे. शक होने पर जब उनके बैग की तलाशी ली गई, तो उसमें ₹50,000 के नकली नोटों की एक गड्डी मिली. पुलिस ने जब इन नोटों की जांच की, तो वे पूरी तरह नकली निकले.

आरोपियों से ये सामान हुए बरामद

इसके अलावा उनके पास से अलग-अलग सीरीज के और भी नकली नोट बरामद हुए. तलाशी में कलर प्रिंटर, लेमिनेशन शीट, लकड़ी के उपकरण, नोट छापने के लिए इस्तेमाल होने वाली पेपर शीट, एक लैपटॉप, एटीएम कार्ड और अन्य सामग्री भी जब्त की गई.

Advertisement

यह भी पढ़ें- Petrol Pump License: पेट्रोल पंप खोलना हुआ और आसान, अब राज्य सरकार से लाइसेंस लेने की झंझट खत्म; जानिए कैसे

पूछताछ करने पर आरोपियों ने भोपाल के आकाश और शंकर चौरसिया से नोट लाने की बात बताई. इसके आधार पर दोनों आरोपियों को भोपाल से गिरफ्तार किया गया. उनके पास से भी ₹500 के ₹770 नोट बरामद हुए. डीसीपी राजेश त्रिपाठी ने बताया कि इन आरोपियों से पूछताछ में यह पता चला कि छिंदवाड़ा गैंग से नोट छापने वाली भोपाल गैंग का संपर्क  सोशल मीडिया फेसबुक के माध्यम से हुआ था. छिंदवाड़ा गैंग की ओर से नकली नोट छापकर भोपाल को सप्लाई लिए दिए थे और वह अलग-अलग स्थानों पर नकली नोटों को खपाने वाले थे. हालांकि, इसके पहले ही क्राइम ब्रांच ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों से अब पुलिस पूछताछ में जुटी है.

Advertisement

यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में भी वक्फ संपत्तियों पर कब्जे का खेल ! 4000 करोड़ की है मिल्कियत, करीब 90% पर अवैध कब्जा

Topics mentioned in this article