Makar Sankranti 2025 : नर्मदापुरम में मकर संक्रांति का पर्व विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस बार महाकुंभ के अवसर पर ये पर्व और भी ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. श्रद्धालु नर्मदा नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचे हैं. 'हर-हर नर्मदे' के जयकारे के साथ श्रद्धालु नर्मदा में डुबकी लगा रहे हैं. सेठानी घाट, विवेकानंद घाट समेत सभी घाटों पर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा है. इस दौरान श्रद्धालुओं ने सूर्य नारायण को अर्घ देकर खुशहाली की प्रार्थना की. साथ ही भिक्षुकों को खिचड़ी, गुड और तिल का दान दिया.
CM मोहन ने की समृद्धि की कामना
वहीं मध्य प्रदेश के CM मोहन यादव ने देशवासियों को मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दी है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, सूर्योपासन के पावन पर्व मकर संक्रांति की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. प्रकृति पूजन का यह पर्व आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा, उल्लास लेकर आए, भगवान सूर्यदेव आपको आरोग्यता और समृद्धि प्रदान करें, यही कामना करता हूं.
कैसे मनाई जाती है मकर संक्रांति ?
इस त्योहार को रंग-बिरंगी सजावट, पतंगबाजी और सामुदायिक समारोहों के साथ मनाया जाता है. कुछ क्षेत्रों में ग्रामीण बच्चे घर-घर जाकर गीत गाते हैं और मिठाइयां इकट्ठा करते हैं. ये त्योहार ऋतुओं में बदलाव का भी प्रतीक है, जो सर्दियों के जाने और वसंत के आगमन का संकेत देता है, जो दिलों को आशा और खुशी से भर देता है.
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मालूम हो कि मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है. ये पर्व सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने का प्रतीक है. हर साल 14 जनवरी (या लीप वर्ष में 15 जनवरी) को मनाया जाने वाला यह त्योहार सूर्य के उत्तर की ओर बढ़ने को दिखाता है.