कंपनी की ब्लास्टिंग से दरक रहीं दीवारें, मैहर में ग्रामीण चिंतित, कलेक्टर ने भोपाल तलब की रिपोर्ट

Blasting In Maihar : नर्मदा घाटी विकास के तहत पहाड़ की चट्टानों को तोड़कर पानी लाने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन ब्लास्टिंग की वजह से ग्रामीणों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. घर की दीवारें दरक रही हैं.  इस मामले को लेकर डीएम मैहर ने भोपाल के अफसरों को रिपोर्ट तलब की है. 

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Maihar :  नहर निर्माण के नाम पर ठेका कंपनी लोगों की गृहस्थी उजाड़ने में तुली हुई है. कंपनी के द्वारा मानकों के विपरीत ब्लास्ट किया जा रहा है, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. इस मामले में पीड़ित ग्रामीणों ने कलेक्टर से गुहार लगाई है. मामला मैहर जिले के मनटोलवा गांव का है, जहां के कई घर ब्लास्ट के चलते दरक चुके हैं. घरों में रहने वाले परिवार के लोग चिंतित हैं. कभी दिन में तो कभी रात में ब्लास्टिंग की जा रही है, जिससे कई मीटर तक झटके महसूस होते हैं.

ग्रामीणों ने बताया कि  रीवा नहर शाखा परियोजना का काम नर्मदा घाटी विकास परियोजना की देखरेख में किया जा रहा है. यहां पर नहर बनाने के लिए कंपनी के द्वारा कथित रूप से ब्लास्ट की अनुमति प्राप्त की गई है.

ठेकेदार के द्वारा मनमानी तरीके से ब्लास्ट किया जा रहा है, जिससे रामकेश रावत, अंबिका प्रसाद सहित कई अन्य लोगों के छतों में दरार आ गई है. इसके अलावा दीवालें भी टूट रहीं हैं. पिलर की कंक्रीट तक निकलने लगी है. ग्रामीणों ने मांग की है कि उन्हें घर का मेंटीनेंस कराने के लिए मुआवजा दिया जाए तथा ब्लास्ट की क्षमता को कम किया जाए ताकि घरों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचे.

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दो-दो घंटे घरों से दूर रहते हैं ग्रामीण

नगर निर्माण के लिए जिस वक्त कंपनी द्वारा ब्लास्ट किया जाता है तमाम ग्रामीणों को घर खाली करने पड़ते हैं. यहां ब्लास्ट इतना हैवी होता है कि झटके कई मीटर दूर तक महसूस होते हैं, ऐसे में एहतियात के तौर पर उस जगह को खाली करना पड़ता है. ग्रामीणों की माने तो कई लोगों को मुआवजा दिए बिना ही निर्माण कार्य किया जा रहा है.

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क्षतिग्रस्त घरों का मुआयना करने पहुंचे ईई

ब्लास्टिंग से घरों को नुकसान पहुंचा इस बात की जानकारी ग्रामीणों के द्वारा नर्मदा घाटी विकास के ईई रामनारायण राय को दी गई. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मुआयना किया जा रहा है, जो भी नुकसान हुआ है, उसका मेंटीनेंस किया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह ब्लास्ट की क्षमता कम की जाएगी, तो चट्टान नहीं टूट सकती. इसके अतिरिक्त कोई और विकल्प नहीं है. यही कारण है कि ग्रामीणों को ब्लास्टिंग के दौरान करीब दो सौ मीटर की दूर कर देते हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो.

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नर्मदा घाटी के अफसरों से रिपोर्ट तलब

मैहर कलेक्टर रानी बाटड़ ने कहा कि ब्लास्टिंग का मामला संज्ञान में आने के बाद नर्मदा घाटी विकास के अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है.रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. ब्लास्टिंग के संबंध में अनुमति दी गई थी,उनके रिकार्ड चेक किए जा रहे हैं.              

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