Baba Mahakal in Ujjain : हाल ही में महाराष्ट्र (Mahrashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बेटे श्रीकांत शिंदे (Shrikant Shinde) उज्जैन (Ujjain) के महाकाल (Mahakal) मंदिर के दर्शन करने पहुंचे थे. दर्शन के दौरान श्रीकांत शिंदे ने महाकाल के गर्भगृह में प्रवेश करके महाकाल पूजा की थी. साथ ही उनकी पत्नी और दो अन्य लोग भी उनके साथ गए थे. मालूम हो कि महाकाल के गर्भगृह में जाने की इजाजत हर किसी को नहीं है. यहां जाने की अनुमति केवल पुजारियों और कुछ ख़ास व्यक्तियों को ही होती है. ऐसे में इस घटना के बाद मंदिर में हंगामा मच गया था. मामला तूल पकड़ने पर मंदिर प्रबंध समिति ने जांच शुरू की. इसी को लेकर ताजा जानकरी सामने आई है. शनिवार को श्रीकांत शिंदे को यह कहते हुए क्लीन चिट दी गई है कि उन्हें मंदिर के नियमों की जानकारी नहीं थी.
श्रीकांत शिंदे को मिली क्लीन चिट
दरअसल, मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ ने इस मामले को लेकर NDTV से बातचीत की जिसमें उन्होंने बताया कि घटना की जांच जारी है और करीब दस दिनों में इसकी पूरी रिपोर्ट सामने आ जाएगी. धाकड़ ने कहा कि शुरुआती जांच में जिनकी जिम्मेदारी थी उन पर कार्रवाई की जा रही है. धाकड़ ने श्रीकांत शिंदे को इस मामले में क्लीन चिट देते हुए कहा कि उन्हें मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश के नियमों की जानकारी नहीं थी इसलिए उन्हें दोषी नहीं माना जा सकता. उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर प्रशासन की तरफ से दर्शन व्यवस्था को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं ताकि ऐसी घटनाओं से बचा जा सके.
मंदिर प्रशासन ने की ये कार्रवाई
जानकारी के लिए बता दें कि इस घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए दर्शन प्रभारी विनोद चौकसे को उनके पद से हटा दिया था. इसके अलावा मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने तीन सुरक्षा कर्मियों को भी नोटिस जारी किया है. मालूम हो कि महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. ऐसे में भगवान महाकाल की पूजा के लिए देश-दुनिया से VIP और VVIP आते हैं.
क्या हैं गर्भृह से जुड़े नियम?
महाकान मंदिर के गर्भगृह में किसी भी श्रद्धालु के प्रवेश पर बीते एक साल से रोक लगी हुई है. सिर्फ पुजारियों को ही प्रवेश करने की इजाजत है. जबकि भक्त और श्रद्धालु महाकालेश्वर शिवलिंग से 50 फीट की दूरी से दर्शन कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि 4 महीने में यह चौथी बार है, जब किसी VIP ने मंदिर के नियम तोड़े हैं. समिति ने गर्भगृह में प्रवेश पर इसलिए रोक लगा रखी है क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश देना नामुमकिन है. वहीं, शिवलिंग क्षरण को लेकर भी सतर्कता बरती जा रही है.
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