Mahabodhi Mahotsav: गौतम बुद्ध के जीवन मूल्यों को समझिए, आज से सांची में महाबोधि महोत्सव, इंट्री फ्री

Mahabodhi Mahotsav 2024: महाबोधि महोत्सव 30 नवम्बर से 1 दिसम्बर, 2024 तक सांस्कृतिक मंच, रामलीला मैदान, साँची में आयोजित होगा, जहां बौद्ध विचार और कला का संगम देखने को मिलेगा. इस महोत्सव का उद्देश्य बौद्ध संस्कृति और कला को प्रोत्साहन देना है. यहां प्रवेश निःशुल्क है, तो आएं और इस महोत्सव का अद्वितीय अनुभव पाएं.

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Mahabodhi Mahotsav 2024: यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल सांची (Sanchi) में 30 नवम्बर से 01 दिसम्बर, 2024 तक दो दिवसीय महाबोधि महोत्सव (Mahabodhi Mahotsav) मेला का आयोजन किया जा रहा है. महोत्सव में आने वाले अनुयायियों व पर्यटकों को मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड (Madhya Pradesh Tourism Board) द्वारा प्रदेश के बौद्ध पर्यटन गंतव्यों से अवगत कराएगा. यहां विशेष रूप से लगाए गए एग्जीबिशन से प्रदेश में मौजूद गौतम बुद्ध के जीवन मूल्यों से संबंधित प्रमुख स्थलों को आधुनिक तकनीक से प्रचारित किया जाएगा. साहित्य और ऑडियो व वीडियो के माध्यम से बौद्ध स्थलों की जानकारी दी जाएगी. संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन रायसेन के सहयोग से बुद्ध जम्बूद्वीप पार्क, सांची में कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. कार्यक्रम में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा.

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सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी

महाबोधि महोत्सव से देश-विदेश से सांची आने वाले बौद्ध अनुयायियों के समक्ष सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कलाओं में बौद्ध विचार, भगवान बुद्ध की मूल प्रेरणा विश्व शांति और राष्ट्र निर्माण का चित्रण होगा.‘ 30 नवम्बर शाम 6:30 बजे सर्वप्रथम 'जापानी लोक नृत्य एवं गायन' की प्रस्तुति जापान के कलाकारों द्वारा दी जाएगी. इसके बाद भगवान बुद्ध की जीवन कथा पर आधारित महानाट्य 'धम्म चक्र' का मंचन कृति थियेटर एण्ड स्पोर्ट अकादमी, नागपुर के कलाकारों द्वारा किया जाएगा, जिसका निर्देशन शीतल विश्वंभर दोडके ने किया है. पहले दिन 30 नवम्बर की अंतिम प्रस्तुति प्रसिद्ध गायिका आकृति मेहरा एवं उनके साथियों के 'भक्ति गायन' से होगी.     

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प्रमुख सचिव पर्यटन और संस्कृति व प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि बौद्ध अनुयायियों को आकर्षित करने प्रदेश में बौद्ध सर्किट का विकास और प्रचार किया जा रहा है. सांची, मंदसौर, धार, सतना, रीवा, सतधारा, सोनारी, मुरेल खर्द, ग्यारसपुर जैसे गंतव्यों पर अनुयायियों व पर्यटकों की सुविधा हेतु थीम पार्क, पर्यटन सुविधा केंद्र सहित आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जा रहा है. महोत्सव में आने वाले अनुयायियों को एग्जीबिशन से प्रदेश के अन्य गंतव्यों की जानकारी भी दी जाएगी. 

कार्यक्रम में प्रवेश निःशुल्क

दूसरे और आखिरी दिन 1 दिसम्बर को सायं 6:30 बजे से श्रीलंका से आए कलाकार श्रीलंका के लोकगीत प्रस्तुत करेंगे. इसके बाद पंचशील क्लॉसिकल डांस ग्रुप, भोपाल के कलाकारों द्वारा नृत्य एवं गायन की प्रस्तुति दी जाएगी. अगली प्रस्तुति भक्ति/बौद्ध गायन की होगी, जिसे ध्वनि ब्रदर्स, भोपाल द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा. अंतिम प्रस्तुति बुद्ध समूह वंदना की होगी, जिसे ध्रुपद गायन शैली सुरेखा कामले एवं साथी द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा. कार्यक्रम में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा.