Read more!

सीएम मोहन यादव ने संगम में लगाई डुबकी, मोदी-योगी का जताया आभार, महाकुंभ को लेकर कही ये बात

CM Mohan Yadav at Prayagraj Kumbh: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाई. उन्होंने कहा कि महाकुंभ हमारी संस्कृति और विरासत का प्रतीक है और हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने 144 वर्षों के बाद इस महाकुंभ में डुबकी लगाई. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रयागराज में संगम में डुबकी लगाई

CM Mohan Yadav at Prayagraj Kumbh: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शनिवार को प्रयागराज संगम में डुबकी लगाई. संगम में स्नान के बाद शर्मा ने कहा, "यह महाकुंभ हमारी संस्कृति और विरासत का प्रतीक है. हम सौभाग्यशाली हैं कि हमने 144 वर्षों के बाद इस महाकुंभ में डुबकी लगाई. मैं इस दिव्य और भव्य आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त करता हूं."

मुख्यमंत्री के साथ उनकी पत्नि भी थीं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री यादव ने कहा, "आज मैं तीर्थराज प्रयाग की पावन धरती पर आया हूं और यहां सभी प्रदेशवासियों की ओर से आस्था की डुबकी लगाई तथा प्रदेशवासियों, विशेषकर युवाओं के उज्ज्वल भविष्य और समाज के हर वर्ग की खुशहाली की कामना की." 

Advertisement

उन्होंने कहा कि महाकुंभ हम सभी के लिए सौभाग्य का अवसर और सनातन संस्कृति का गौरवशाली उत्सव है. यह न केवल हमारी आस्था का प्रकटीकरण है, बल्कि साधु-संतों के सान्निध्य में आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर भी प्रदान करता है. उत्तर प्रदेश सरकार को कुंभ मेले के भव्य आयोजन हेतु बधाई. आगामी सिंहस्थ-2028 के लिए उज्जैन में दिव्य और भव्य आयोजन की तैयारी के संकल्प के साथ, आज मैं स्वयं प्रयागराज आया हूं, जहां संगम में स्थान के साथ ही साधु-संतों का आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन प्राप्त करूंगा.

Advertisement

‘सभी तीर्थों का राजा है प्रयागराज'

सीएम ने कहा कि तीर्थों में श्रेष्ठ प्रयागराज, सभी तीर्थों का राजा है. यहां महाकुंभ में स्नान का सौभाग्य अनेक जन्मों के पुण्य के बाद मिलता है. सभी का मंगल व कल्याण हो, यही प्रार्थना है. वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज के शिविर में पहुंचकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अध्यात्म, संस्कृति और सनातन परंपराओं पर विचार-विमर्श किया. 

महाकुंभ सनातन संस्कृति का गौरवशाली उत्सव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि महाकुंभ सनातन संस्कृति का गौरवशाली उत्सव है. विशेष ग्रह नक्षत्रों के शुभ संयोग में होने वाले महाकुंभ में सभी की आस्था का प्रकटीकरण होता है. साथ ही साधु-संतों के सान्निध्य में आत्मिक और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर भी प्राप्त होता है. भारत वर्ष में प्रत्येक 12 वर्ष में अलग-अलग चार नगरों में होने वाले कुंभ में स्नान का अवसर कई जन्मों के पुण्य से प्राप्त होता है. 

सिंहस्थ कुंभ का किया जिक्र 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव कहा कि कुंभ मेले में धर्म के प्रति आस्था के साथ अनेकों साधु-संतों का सत्संग मिलता है, जिससे जीवन की सार्थकता सिद्ध होती है. वृहस्पति के सिंह राशि में प्रवेश करने पर उज्जयिनी में सिंहस्थ का आयोजन होता है. समुद्र मंथन की आलौकिक घटना से भी इसका संबंध है. इस अवसर पर ऋषि-मुनि, साधु-सन्यासी, तपस्वी एवं श्रद्धालु आस्था के इस महापर्व में शामिल होते हैं और आस्था के साथ पवित्र स्नान करते हैं. उन्होंने कहा कि उज्जैन में 2028 में होने वाले सिंहस्थ के लिए, प्रयागराज महाकुंभ में हुई तैयारियों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों का दल प्रयागराज भेजा गया है. महाकुंभ में पधारे साधु-संतों से भी इस संबंध में मार्गदर्शन लिया जाएगा. 

तीर्थराज प्रयाग की पावन भूमि पर महाकुंभ में मध्यप्रदेश का पंडाल भी लगाया गया है, जहां भगवान श्रीकृष्ण और सम्राट विक्रमादित्य से जुड़े वृतांतों पर मंचन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस प्रयास से देश-दुनिया के लोग प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और वैभव से परिचित हो रहे हैं.

ये भी पढ़ें पंचायत चुनाव: BJP का खुला खाता, नक्सल इलाके की 5 पंचायतों में निर्विरोध सरपंच बने, पार्टी में जश्न