Madhya Pradesh Weather Update: मध्य प्रदेश में दिसंबर की शुरुआत के साथ ही ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश के कई जिलों में न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है और कई शहरों में पारा 10 डिग्री के नीचे पहुंच गया है. मौसम विभाग ने पांच जिलों में शीतलहर का अलर्ट जारी किया है, वहीं कई संभागों में बर्फीली हवाओं का असर बढ़ने की संभावना जताई गई है.
सबसे कम तापमान कहां दर्ज हुआ?
शहडोल के कल्याणपुर में इस सीजन का सबसे कम तापमान 3.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे ठंडा स्थान रहा. इंदौर में 4.5 डिग्री, भोपाल में 6.6 डिग्री, जबलपुर में 8.5 डिग्री और ग्वालियर में 9.2 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया. रायसेन 5 डिग्री, रीवा 5.9 डिग्री, शिवपुरी 6 डिग्री, नौगांव 7.1 डिग्री, मंडला 7.3 डिग्री और खजुराहो 7.4 डिग्री पर रहा.उमरिया, मलाजखंड, दमोह, सतना, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, श्योपुर-गुना सहित कई जिलों में पारा 6 से 9 डिग्री के बीच रहा.
दिसंबर में क्यों बढ़ती है ठंड?
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिसंबर में पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) की सक्रियता बढ़ जाती है, जिससे उत्तर भारत से ठंडी हवाएं तेजी से बहकर मध्य प्रदेश तक पहुंचती हैं. यही कारण है कि दिन और रात दोनों तापमानों में तेज गिरावट देखने को मिलती है. इस बार भी मौसम का यही पैटर्न देखने को मिल रहा है.
इन जिलों में सबसे कड़ाके की सर्दी की आशंका
ग्वालियर, चंबल और उज्जैन संभाग में बर्फीली उत्तरी हवाओं का सीधा असर होगा. भोपाल संभाग में खासकर सीहोर और विदिशा में ठंड का दबाव बढ़ेगा. सागर, रीवा और विंध्य क्षेत्र के निवाड़ी, छतरपुर, पन्ना, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में तापमान तेजी से नीचे जा सकता है. जबलपुर, इंदौर और आदिवासी बेल्ट में मंडला, डिंडौरी, धार और झाबुआ में कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं.
जनवरी में 20–22 दिन चल सकती है कोल्ड वेव
मौसम एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि दिसंबर के बाद जनवरी में कोल्ड वेव का दौर लंबा चल सकता है. कई जिलों में 20 से 22 दिनों तक शीतलहर की स्थिति बने रहने की संभावना है.
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