Madhya Pradesh Travel Mart 2025: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में 11 अक्टूबर से मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट 2025 हो चुका है. 13 अक्टूबर तक चलने वाले इस आयोजन से मध्य प्रदेश के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयां मिलना तय है. इसमें 27 देशों के 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, 150 घरेलू टूर ऑपरेटर्स और 700 से अधिक प्रतिभागी ले रहे हैं.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि “यह आयोजन केवल एक व्यापारिक सम्मेलन नहीं, बल्कि संस्कृतियों के संगम का महापर्व है. यह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘देखो अपना देश' और ‘वोकल फॉर लोकल' के विजन को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.”
रिकॉर्ड भागीदारी और 4000 से अधिक B2B बैठकें
मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट 2025 के दौरान 4000 से अधिक बिजनेस-टू-बिजनेस (B2B) बैठकों का सफल आयोजन हुआ, जो राज्य के पर्यटन इतिहास का सबसे बड़ा कारोबारी संवाद माना जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ये बैठकें केवल आँकड़े नहीं हैं, बल्कि एक मजबूत व्यावसायिक पारिस्थितिकी तंत्र की नींव हैं जो स्थानीय उद्यमियों को वैश्विक बाजार से जोड़ेंगी.
डॉ. मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश
₹3665 करोड़ निवेश प्रस्ताव, हजारों रोजगार सृजित होंगे
मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट 2025 में प्रमुख निवेशकों ने ₹3665 करोड़ से अधिक के निवेश की इच्छा जताई. इसमें ट्रेजर ग्रुप, दी मालवा क्लब, सोम ग्रुप, पोस्ट कार्ड होटल्स, SLMG बेवरेजेस, और ऑर्बिट रिसॉर्ट्स जैसी नामी कंपनियाँ शामिल हैं. इन निवेशों से पर्यटन क्षेत्र में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार अवसर पैदा होंगे.
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मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट 2025 के मौके पर प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एकता कपूर, अभिनेता गजराज राव और रघुवीर यादव, पोस्ट कार्ड होटल्स के को-फाउंडर अनिरुद्ध कांडपाल, और स्पेनिश फिल्म कमीशन की प्रतिनिधियों सहित 20 से अधिक ग्लोबल इंडस्ट्री लीडर्स के साथ सीएम मोहन यादव ने वन-टू-वन बैठक की. विश्वविख्यात सितार वादक अनुष्का शंकर की प्रस्तुति में नया टीवी कमर्शियल “द सितारिस्ट” लॉन्च किया गया. यह फिल्म दर्शकों को ओरछा, मांडू, और महेश्वर की ऐतिहासिक विरासत से जोड़ते हुए एक संगीतमय यात्रा पर ले जाती है.
मध्य प्रदेश पर्यटन विकास के लिए महत्वपूर्ण समझौते
मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट 2025 में प्रदेश के पर्यटन विभाग और ASI के बीच राज्य की ऐतिहासिक धरोहरों पर विश्वस्तरीय पर्यटक सुविधाएँ विकसित करने का समझौता हुआ. एमपी टूरिज्म बोर्ड और बालाजी टेलीफिल्म्स के बीच ₹50 करोड़ के फिल्म निवेश का अनुबंध हुआ, जिससे राज्य में वेब सीरीज और फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा मिलेगा. Ease My Trip और Aagman India Travel के साथ हनुवंतिया, तामिया, और ओरछा में टेंट सिटी प्रोजेक्ट्स विकसित करने हेतु 5 वर्ष के अनुबंध हुए.
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तीन सेक्टरों में प्रादेशिक हेलीकॉप्टर सेवा शुरू
मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ने के लिए Trans Bharat Aviation Pvt. Ltd. और Jet Serve Aviation Pvt. Ltd. को तीन अलग-अलग सेक्टरों में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने की जिम्मेदारी दी गई. इससे पर्यटकों को इंदौर, भोपाल, जबलपुर, उज्जैन, खजुराहो, पचमढ़ी, कान्हा, बांधवगढ़, रीवा जैसे स्थानों तक आसान पहुँच मिलेगी.
लेटर ऑफ अवार्ड से दो नई परियोजनाओं को मंजूरी
इंदौर ट्रेजर टाउन प्राइवेट लिमिटेड को दो बड़ी परियोजनाओं के लिए ₹386 करोड़ के निवेश की मंजूरी दी गई. सांची (नीनोद, रायसेन) में ₹246 करोड़ की लागत से गोल्फ कोर्स, विला और लक्ज़री रेस्टोरेंट के साथ एक विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनेगा. इंदिरा सागर जलाशय (खंडवा) में ₹140 करोड़ की लागत से एक लक्ज़री वेलनेस रिसॉर्ट विकसित होगा. वहीं, मध्यप्रदेश पर्यटन ने देश के प्रमुख डिजिटल प्लेटफॉर्म Curly Tales के साथ साझेदारी की है. यह सहयोग प्रदेश के पर्यटन स्थलों और संस्कृति को वैश्विक स्तर पर डिजिटल स्टोरीटेलिंग के माध्यम से प्रमोट करेगा.
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‘अतुल्य मध्यप्रदेश': प्रकृति, विरासत और संस्कृति का संगम
12 राष्ट्रीय उद्यान, 9 टाइगर रिजर्व, और 24 वन्यजीव अभयारण्य मध्यप्रदेश को “टाइगर स्टेट”, “चीता स्टेट” और “वुल्फ स्टेट” जैसी उपाधियों से नवाजा गया है. खजुराहो, सांची और भीमबेटका की यूनेस्को धरोहर स्थलों से लेकर ओरछा, ग्वालियर जैसी ऐतिहासिक नगरीयाँ राज्य की पहचान हैं. 2024 में राज्य में 13.41 करोड़ पर्यटक पहुंचे, जो पिछले वर्ष से 20% अधिक है.
राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान
मध्यप्रदेश को ‘बेस्ट टूरिज्म स्टेट ऑफ द ईयर', ‘बेस्ट स्टेट टूरिज्म बोर्ड', और ‘हेरिटेज टूरिज्म – बेस्ट स्टेट' जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया है. सरकार का लक्ष्य है कि राज्य की जीडीपी में पर्यटन का योगदान 10% तक पहुँचे. इसके लिए रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन, स्थानीय हस्तशिल्पों (जैसे गोंड चित्रकला, चंदेरी साड़ी आदि) के प्रदर्शन और सतत विकास नीतियों पर फोकस किया जा रहा है.