मध्य प्रदेश टूरिज्म: CM मोहन यादव ने गोलघर स्मारक का किया लोकार्पण, जानिए क्या हैं नई विशेषताएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में लोकल फॉर वोकल (Local for Vocal) पर जोर देते हुए शिल्पकारों को प्रोत्साहित किया गया है. प्रत्येक जिले की अपनी विशेषता होती है. देश के लगभग 700 जिलों में विभिन्न उत्पादों के प्रचार और विक्रय का कार्य हो रहा है.

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Madhya Pradesh Tourism News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने शुक्रवार 15 मार्च को गोलघर के नए स्वरूप का लोकार्पण कर आम लोगों के लिए इसे समर्पित किया. मध्यप्रदेश पुरातत्व विभाग (Madhya Pradesh Archeology Department) द्वारा संरक्षित स्मारक गोलघर (Protected Monument Golghar) को पर्यटन विभाग (Madhya Pradesh Tourism Department) ने बहुउद्देशीय कला केन्द्र के रूप में विकसित किया है. मुख्यमंत्री ने आज भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता करते हुए 'गोलघर' का लोकार्पण कर उसका अवलोकन किया. सीएम ने यहां कलाकारों की मनमोहक कला को देखा एवं उनसे बातचीत कर हौसला भी बढ़ाया. इस अवसर पर 'पर्यटन कैलेंडर वर्ष 2024' का विमोचन भी किया गया. सीएम ने कहा कि 'गोलघर' के अंदर सभी चीजें मिल रही हैं. मैं पर्यटन विकास निगम, पुरातत्व कार्यालय एवं उन सभी को बधाई देता हूं, जिनके योगदान से हमारी धरोहर को नया स्वरूप प्राप्त हुआ है.

CM Mohan Yadav: कैलेंडर का विमोचन करते सीएम मोहन यादव

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शाहजहां बेगम ने बनवाया यह 'गोलघर'

लोकार्पण कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्राचीन ज्ञान-विज्ञान के केन्द्र आज भी उपयोगी हो सकते हैं. अतीत की धरोहर गोलघर को वर्तमान से जोड़ने की पहल सराहनीय है. भोपाल में गोलघर का मूल नाम गुलशन-ए-आलम था, जिसे 19वीं सदी में नवाब शाहजहां बेगम ने बनवाया था. गोलाकार स्वरूप के कारण इसे गोलघर के नाम से जाना जाता है.

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CM मोहन यादव ने कहा कि गोलघर को देखने और इसके निर्माण की तकनीक को समझने की जरूरत है. नवसज्जा के पश्चात् निश्चित ही यह केन्द्र जनाकर्षण का केन्द्र बनेगा. गोलघर जैसी इमारतों के निर्माण के लिए अनूठी कल्पना की गई. अनेक प्राचीन निर्माण जिनमें बांध, स्मारक औ र‍किले शामिल हैं, उत्कृष्ट अभियांत्रिकी का नमूना होते हैं. जब भोजताल (भोपाल की बड़ी झील) का निर्माण किया गया तो, पानी के सुविधाजनक निकास की व्यवस्था भी की गई थी. कितनी ही ज्यादा बारिश हो जाए, भोपाल की बड़ी झील सीमा नहीं तोड़ती. मितव्ययी ढंग से झील का निर्माण हुआ था. प्राकृतिक चट्टानों के उपयोग के साथ जल संपदा को सुरक्षित रखने पर ध्यान दिया गया. भोपाल की बड़ी झील का सदियों से अस्तित्व है और आगे भी रहेगा.

 कला केन्द्रों का पूरा उपयोग होना चाहिए : सीएम मोहन यादव

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि गोलघर में विभिन्न निर्माण श्रेष्ठ इंजीनियरिंग के उदाहरण हैं. इस पुरानी धरोहर को जीर्णोद्धार के माध्यम से नया रूप दिया गया है. यह आनंदित करने वाला विषय है. यहाँ विभिन्न वस्तुओं की बिक्री की व्यवस्था इस केन्द्र को बहुउद्देशीय बनाती है. सीएम ने कहा कि कलाओं के संरक्षण के लिए कला केन्द्रों का पूरा उपयोग होना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में लोकल फॉर वोकल (Local for Vocal) पर जोर देते हुए शिल्पकारों को प्रोत्साहित किया गया है. प्रत्येक जिले की अपनी विशेषता होती है. देश के लगभग 700 जिलों में विभिन्न उत्पादों के प्रचार और विक्रय का कार्य हो रहा है.

इस कड़ी में भोपाल के इस प्राचीन गौरव केन्द्र को महिलाओं के सशक्तिकरण से जोड़ते हुए प्राचीन बाजार की कल्पना को नए रूप में साकार किया गया है. इस भवन में अब आत्मा का प्रवेश हो गया है. यह स्मारक अब जीवंत हो गया है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव और अन्य अतिथियों ने मध्यप्रदेश पुरातत्व, पर्यटन और संस्कृति परिषद द्वारा प्रकाशित कैलेंडर का विमोचन भी किया.

नवसज्जित गोलघर की विशेषताएं यह हैं

* गोलघर स्मारक की वीथिकाओं में आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर विकसित किया गया.

* भोपाल की पुरानी शिल्प कला के संरक्षण के लिए कलाकारों को मंच उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है.

* स्थानीय कलाकारों और दस्तकारों की बनाई वस्तुएं यहाँ बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगी. महिला समूहों द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प को प्राथमिकता दी गई है.

* ऐतिहासिक धरोहर की मूल कल्पना के अनुसार फिर से गोलघर को सज्जित और विकसित कर भोपाल शहर को एक सौगात दी गई है. पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बनेगा.

* भोपाल की परम्पराओं, शिल्प, कला, संगीत और व्यंजनों का आनंद इस परिसर में प्राप्त किया जा सकता है.

* पर्यटन विभाग ने गोलघर की क्षतिग्रस्त वीथिकाओं को मूल स्वरूप में विकसित करने के लिए अनुरक्षण कार्य किए हैं।

गोलघर परिसर में टिकट घर, प्रसाधन व्यवस्था, पार्किंग, पेयजल, पाथ-वे, लैंड स्केपिंग वर्क, आंतरिक एवं बाह्य विद्युतिकरण, बाउण्ड्रीवाल, आवश्यक लाइटिंग और संग्रहालय में दर्शकों के लिए सुविधाजनक प्रदर्शन व्यवस्था पर लगभग चार करोड़ की राशि व्यय की गई है.

CM Mohan Yadav: माटी कला का प्रदर्शन देखने हुए सीएम मोहन यादव

मुख्यमंत्री ने नवसज्जित गोलघर का लोकार्पण कर विभिन्न दीर्घाओं का अवलोकन किया. उन्होंने ने वीआर (VR) यानी कि वर्चुअल रियलिटी हेडसेट द्वारा हिस्ट्री ऑफ भोपाल (History of Bhopal) की झलक भी देखी. मुख्यमंत्री ने चित्रकला और माटी शिल्प से जुड़े राज सैनी, धीरज प्रजापति और अन्य कलाकारों से भेंट कर उनके कला प्रदर्शन देखे और उनके हुनर की प्रशंसा की.

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