MP SIR News: यहां काजू, पिस्ता और बादाम भी डालते हैं वोट, SIR में सामने आए चौंकाने वाले नाम

Madhya Pradesh SIR News: मध्य प्रदेश के आगर मालवा में किसी का नाम फिल्मों के नाम पर हैं, तो किसी का फिल्मी हीरो-हीरोइन के नाम पर, तो किसी का नाम शहर के नाम पर है. वहीं, कुछ लोगों के नाम ड्राईफ्रुट्स जैसे काजू, पिस्ता और बादाम के नाम पर हैं. इन मजेदार नामों की SIR प्रक्रिया में लगे BLO भी भरपूर आनंद और मौज में इनके फॉर्म भरने और अपलोड करने की कवायद में लगे है.

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SIR In Madhya Pradesh: काजू, बादाम और पिस्ता ये ड्राई फ्रूट्स के नाम हैं. सोल्जर , क्रांति , परदेसी और देश प्रेमी ये नाम हिंदी फिल्मों के हैं. राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, जितेंद्र, दिलीप कुमार, हेमा मालिनी जैसे नाम फिल्मी कलाकारों के हैं. बुरहानपुर, सारंगपुर आदि ये शहरों के नाम हैं. ये सब नाम आपको मतदाता सूची में देखने को मिल जाएं, तो आश्चर्य मत करिएगा, क्योंकि मध्य प्रदेश के आगर मालवा के मतदान केंद्र नंबर 93 , 94 और इसके आसपास के इलाके में मतदाताओं के नाम ऐसे ही हैं.  

यहां किसी का नाम फिल्मों के नाम पर हैं, तो किसी का फिल्मी हीरो-हीरोइन के नाम पर, तो किसी का नाम शहर के नाम पर है. वहीं, कुछ लोगों के नाम ड्राईफ्रुट्स जैसे काजू, पिस्ता और बादाम के नाम पर हैं. इन मजेदार नामों की SIR प्रक्रिया में लगे BLO भी भरपूर आनंद और मौज में इनके फॉर्म भरने और अपलोड करने की कवायद में लगे है.

पारदी समुदाय से जुड़े लोगों के हैं ये नाम

दरअसल, इन मतदान केंद्रों पर पारदी समुदाय के नाम जुड़े हुए हैं. यह समुदाय खानाबदोश जिंदगी गुजारते हैं. ये जीवन यापन के लिए इधर-उधर घूमते रहते हैं. इनके माता-पिता ने जन्म के समय जो फिल्म चल रही थी, या जिस कलाकार की फिल्म चल रही थी, उसी के आधार पर अपने बच्चों के नाम रख दिए थे. कुछ का तो जिस शहर में जन्म हुआ, उसी के नाम पर नामकरण कर दिया, तो कुछ बच्चों के नाम ड्राई फ्रूट्स काजू-पिस्ता और बादाम के नाम पर रख दिए गए. और तो और यहां टीवी और एंटीना जैसे नाम भी सामने आ रहे हैं.  अब इन्हीं नामों से इन लोगों के दस्तावेज बन गए हैं और वे वोट भी देते हैं.

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गौरतलब है कि इन दिनों मध्य प्रदेश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम बहुत तेजी से चल रहा है. चुनाव आयोग को तर्क है कि वोटर लिस्ट में बहुत से ऐसे मतदाताओं के नाम हैं, जो या तो दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं या उनकी मृत्यु हो गई है. ऐसे में वोटर लिस्ट को शुद्ध करने के लिए एसआईआर जरूरी है. हालांकि, विपक्षी पार्टी चुनाव आयोग पर भाजपा के साथ मिलकर उसे फायदा पहुंचाने के लिए विपक्षी पार्टी के समर्थक समझे जाने वाले मतदाताओं के नाम काटने का आरोप लगा रहे हैं. इस बीच एसआईआर के दौरान इस तरह के रोचक बातें भी सामने आ रही हैं. 

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