एमपी पुलिस होगी और स्मार्ट ! 24 सालों बाद मिलने जा रहा है नया स्मार्ट डिजिटल वायरलेस सेट, जानिए क्या है खासियत

भोपाल पुलिस अपनी उम्र पूरी कर चुके वायरलेस सिस्टम के भरोसे ही काम कर रही है. अब इससे जल्द ही आजादी मिल सकती है. खबर है कि एक महीने के अंदर मध्यप्रदेश पुलिस को नए स्मार्ट डिजिटल सेट मिल रहे हैं. इससे एक तो पुलिस मॉर्डन होगी दूसरे नए वायरलेस सेट की फ्रीक्वेंसी को कोई भी व्यक्ति मैच नहीं कर सकेगा.

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Madhya Pradesh Police News: मध्यप्रदेश की पुलिस अब और स्मार्ट हो सकेगी. वजह पूरे पुलिस महकमे को 2005 से उपयोग में जारी वायरलेस सिस्टम से निजात मिलने वाला है.  20 सालों बाद ही सही सरकार ने पुराने वायरलेस सेट्स को बदलकर नए स्मार्ट डिजिटल वायरलेस सेट दिए जाने का फैसला ले लिया है. अच्छी बात ये है कि नए स्मार्ट डिजिटल सेट एक महीने में शुरू कर दिए जाएंगे.  बताया गया है कि इस हैंडसेट का हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों न्यूजीलैंड में तैयार किये गए हैं. इसके साथ ये दावा किया जा रहा है कि ये MP पुलिस को न सिर्फ मॉर्डन बना देंगे बल्कि नए वायरलेस सेट की फ्रीक्वेंसी को कोई भी व्यक्ति मैच नहीं कर सकेगा. 

पुराने वायरलेस सेट को जुगाड़ से चला रहे थे

दरअसल भोपाल पुलिस अपनी उम्र पूरी कर चुके वायरलेस सिस्टम के भरोसे ही काम कर रही है. पुलिसकर्मी इन सेट्स से परेशान हैं ओर जुगाड़ से इन्हें चला रहे हैं. आप ध्यान से देखें तो किसी वायरलेस सेट में पतली रबर लगी है तो कोई जूड़े में लगाने वाली मोटी रबर से काम चला रहा है. इसके अलावा यदि किसी शैडो एरिया या ग्रे एरिया में चले गए तो फिर हैलो-हैलो करते रहिए आवाज नहीं आती. इसके अलावा कई बड़ा मूवमेंट या कानून व्यवस्था की स्थिति हो तो ये सेट भीड़ में गश खा जाते हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि जब इन सेट्स को खरीदा गया था तब इनकी उम्र 10-12 साल बताई गई थी लेकिन अब इसकी उम्र 24 साल से ज्यादा हो चुकी है. नए सेट के लिए 6 बार टेंडर निकाले गए लेकिन नए सेट अभी तक नहीं आए हैं. 

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2015 तक मोटोरोला ने किया मेंटनेंस

भोपाल में तैनात सब इंस्पेक्टर नरेन्द्र चौधरी बताते हैं कि वायरलेस सेट का ये वर्जन काफी पुराना है. आवाज क्लियर नहीं होती है कई जगह ब्लैक स्पॉट रेंज में आने की समस्या आती है. कांस्टेबल प्रमोद सोनी बताते हैं कि ये सेट 10 साल पुराने हो चुके हैं. साउंड क्लियरटी भी बेहद कम है. सुना है कि नए सेट आ रहे हैं उसके लिए ट्रेनिंग भी दी जाएगी. 

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बता दें कि पुलिस के  पास फिलहाल मोटोरोला के वायरलेस सेट हैं जो 800 मेगाहर्ट्ज पर काम करते हैं. जब इसे खरीदा गया था तब कंपनी ने  2015 तक कांट्रेक्ट के अनुसार इनका सर्विस मेंटनेंस किया था. उसके बाद से सब राम भरोसे हैं. बहरहाल अब नए सेट्स आ रहे हैं तो इसकी खासियतें भी जान लेते हैं. 

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बेहद खास होंगे नए वायरलेस सेट

  • डिजिटल वायरलेस सेट में पुलिसकर्मी अपनी गलत लोकेशन नहीं बता सकेंगे
  • इनमें मोबाइल फोन की तरह लाइव लोकेशन भी ली जा सकेगी
  • सेट खो गया है तो उसे कंट्रोल रूम में बैठकर ही रिमोटली डिएक्टिवेट कर सकेंगे
  • नए सेट की आवाज मोबाइल फोन की तरह साफ होगी, जो बेहतर कम्यूनिकेशन में मदद करेगी
  • सेट के अनुसार इन्क्रिप्टेड कोडिंग दी जाएगी, इसलिए कोई बाहरी व्यक्ति इसकी फ्रिक्वेंसी को मैच नहीं कर सकेगा

  भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरि नारायणचारी बताते हैं कि वायरलैस सिस्टम को पुलिस सिस्टम के लिए रीढ़ की हड्डी है. वीवीआईपी ड्यूटी हो या कानून व्यवस्था सब में बहुत जरूरी होता है. इसी के मद्देनजर हम उच्चतम तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं. आने वाले एक महीने में ये नए सेट काम करने लगेंगे. रिटायर्ड डीजी शैलेन्द्र श्रीवास्तव का कहना है कि पहले काफी परेशानी होती थी. एक दो बार ऐसा हुआ है कि पुलिस वालों ने अपनी गलत लोकेशन बता दी. नए सेट से इस समस्या से निजात मिलेगी. इसके अलावा नए सेट से पुलिस मार्डन भी होगी. इस सेट को IG से लेकर ASI तक रख सकते हैं. 

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