MP News: पुलिस ने इन ठगों को दो महीने तक चिकन बिरयानी खिलाने के बाद दो लाख रुपये खर्च कर भेजा नाइजीरिया

Nigeria: ब्राउनी भले ही केवल 5वीं कक्षा तक पढ़ा था, लेकिन उसकी अंग्रेजी इतनी प्रभावशाली थी कि वह किसी भी महिला को आसानी से विश्वास में ले लेता था. वह खुद को लंदन का रहने वाला डॉक्टर या किसी प्रतिष्ठित पेशेवर के रूप में प्रस्तुत करता था.

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Madhya Pradesh News: अंतरराष्ट्रीय ठग ब्राउनी और उसके साथियों की ठगी की कहानी किसी अपराध उपन्यास से कम नहीं है. इन के निशाने पर  अमीर महिलाएं होती थी. ये अमीर और उच्च प्रोफ़ाइल वाली महिलाओं को अपने जाल में फांसने के लिए खास रणनीति अपनाते थे. ये लोग शादी डॉट कॉम (Shadi.com) जैसी वेबसाइटों पर ऐसी महिलाओं की प्रोफाइल खोजते थे, जो शादी करने की इच्छुक होती थीं. इनके पास ठगी का पूरा एक नेटवर्क था, जिसमें ब्राउनी का काम होता था फर्जी प्रोफाइल बनाना और महिलाओं से अंग्रेजी में बातचीत कर उन्हें प्रभावित करना.

ब्राउनी भले ही केवल 5वीं कक्षा तक पढ़ा था, लेकिन उसकी अंग्रेजी इतनी प्रभावशाली थी कि वह किसी भी महिला को आसानी से विश्वास में ले लेता था. वह खुद को लंदन का रहने वाला डॉक्टर या किसी प्रतिष्ठित पेशेवर के रूप में प्रस्तुत करता था. ये गिरोह आकर्षक फर्जी प्रोफाइल बनाकर महिलाओं से दोस्ती गाठता था. ये लोग उन महिलाओं को अपना शिकार बनाते थे, जो महिलाएं अमीर और उच्च समाज से ताल्लुक रखती थीं. ये महिलाएं इस धोखाधड़ी का शिकार बन जाती थी, क्योंकि वे उनकी शानदार अंग्रेजी और पेशेवर प्रोफाइल से प्रभावित हो जाती थीं.

(Jabalpur News) जबलपुर की महिला से ऐंठ लिए 16 लाख रुपये

ब्राउनी और उसके साथियों ने जबलपुर की एक महिला को भी इसी तरह से अपने जाल में फंसाया लिया. इस गैंग का सदस्य शिवम मिश्रा महिला से दोस्ती की शुरुआत की. वह खुद को मैक्स विलियम के रूप में पेश किया, जो लंदन में काम करता है. जैसे ही महिला ने उस पर भरोसा किया, उसने अपना मोबाइल नंबर साझा कर दिया और फिर उनसे नियमित रूप से बात होने लगी. इसके बाद 2018 में ब्राउनी, बद्रीश, शिवम और हरेंद्र ने योजना बनाई और महिला को यह कहानी सुनाई कि मैक्स विलियम भारत आया है और उसके लिए महंगी गिफ्ट लेकर आया है, जिसकी कीमत 50-60 लाख है, लेकिन कस्टम विभाग ने उसे रोक लिया है. गिफ्ट छुड़ाने के लिए उन्होंने महिला से बड़ी रकम मांगी और उसने बिना सोचे-समझे 16 लाख 26 हजार रुपये उनके बैंक खाते में जमा कर दिए.

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पैसा लेकर हुआ गायब

पैसे मिलते ही ये लोग गायब हो गए. उनका मोबाइल बंद हो गया और महिला के पास कोई संपर्क नहीं बचा. ठगी का एहसास होने पर महिला ने स्टेट साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई. साइबर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और ब्राउनी को दिल्ली के द्वारका इलाके से, शिवम को कानपुर से और बद्रीश को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. तीनों को कोर्ट में पेश किया गया और जबलपुर की जेल भेजा गया. वे तीन साल तक जेल में रहे, लेकिन 2021 में जमानत पर बाहर आ गए.

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कोर्ट हो गए दोषमुक्त

शिवम, बद्रीश और हरेंद्र अपने-अपने घर चले गए, लेकिन ब्राउनी का वीजा और पासपोर्ट खत्म हो चुका था, जिसके कारण वह दिल्ली में ही रुक गया. इसी बीच मामले की सुनवाई जारी रही और कोर्ट में उसकी कई बार पेशी हुई. जब वह पेशियों पर नहीं आया, तो उसके खिलाफ स्थाई वारंट जारी किया गया. इसके बाद जून 2024 में स्टेट साइबर सेल ने उसे दोबारा गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, लेकिन इस बार जुलाई 2024 में पंचम सत्र अपर न्यायाधीश की कोर्ट ने ब्राउनी को दोषमुक्त कर दिया.

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पुलिस ने ऐसे भेजा नाइजीरिया

कोर्ट से बरी होने के बाद ब्राउनी को फिर से कानूनी पचड़ों से गुजरना पड़ा. दरअसल, उसका वीजा और पासपोर्ट दोनों ही एक्सपायर हो चुके थे. लिहाजा, जबलपुर की सिविल लाइन पुलिस ने उसे अपनी निगरानी में रखा, जहां वह ढाई महीने तक थाना प्रभारी धीरज राज की देखरेख में रहा. इस दौरान ब्राउनी की जमकर मेहमाननवाजी की गई. बताया जाता है कि वह चिकन और बिरयानी का शौकीन था. लिहाजा, पुलिस ने भी उन्हें खूब बिरयानी खिलाई. ब्राउनी के बारे में बताया गया कि वह अच्छा व्यवहार कर रहा था और कभी-कभी अपनी बहन से बातें भी करता था. उसकी निगरानी के लिए 24 घंटे एक पुलिसकर्मी तैनात किया गया था. इस दौरान पुलिस ने उसे वापस नाइजीरिया भेजने की प्रक्रिया शुरू की. जबलपुर पुलिस ने दिल्ली के नाइजीरियन दूतावास से संपर्क किया और आखिरकार उसे नाइजीरिया भेजने में कामयाब रही.

दो लाख रुपये खर्च कर पुलिस ने भेजा स्वदेश

ब्राउनी की वापसी का खर्च करीब डेढ़ से दो लाख रुपये आया, जिसे मध्य प्रदेश पुलिस ने उठाया. एएसआई विजय मानके और दो आरक्षकों की एक टीम ने उसे मुंबई के रास्ते केन्या होते हुए नाइजीरिया सुरक्षित पहुंचाया. ब्राउनी के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी और उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे उसे खुद वापस बुला सकें. पुलिस की यह जिम्मेदारी पूरी होने के बाद जबलपुर पुलिस ने राहत की सांस ली.

ऐसे करता था ठगी

ब्राउनी और उसके साथियों की ठगी का ये नेटवर्क काफी फैला हुआ था.वे अमीर महिलाओं को निशाना बनाते और फर्जी प्रोफाइल बनाकर उनसे धोखाधड़ी करते. यह गिरोह अलग-अलग नामों से बैंक खाते खोलकर अपने अपराध को अंजाम देता था. शादी करने की इच्छुक महिलाएं इनकी जालसाजी का शिकार बन जाती थीं, और वे बड़ी आसानी से उनसे पैसे ऐंठ लेता था.

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