पब्लिक की परीक्षा में पुलिस फेल, खुद के पोल में ही मिले 100 में 22 नंबर !

सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स एक पोल करना मध्यप्रदेश पुलिस को भारी पड़ गया. दरअसल पुलिस ने एक्स पर  पोल कराकर लोगों से ये जानना चाहा था कि वे अपने पास के पुलिस विभाग से संतुष्ट हैं या नहीं? कुछ ही घंटों में इस पोल के जो नतीजे आए उसने पुलिस विभाग की ही आंखे खोल दी. इस पोल में जनता के रुख को देखते हुए पुलिस ने चंद घंटों में ही इसे बंद कर दिया.

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MP Police News: सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स एक पोल करना मध्यप्रदेश पुलिस को भारी पड़ गया. दरअसल पुलिस ने एक्स पर  पोल कराकर लोगों से ये जानना चाहा था कि वे अपने पास के पुलिस विभाग से संतुष्ट हैं या नहीं? कुछ ही घंटों में इस पोल के जो नतीजे आए उसने पुलिस विभाग की ही आंखे खोल दी. इस पोल में जनता के रुख को देखते हुए पुलिस ने चंद घंटों में ही इसे बंद कर दिया. अब एडीजी लॉ एंड ऑर्डर जयदीप प्रसाद (ADG Law and Order Jaideep Prasad) ने कहा है कि मुझे इस पोल के बारे में जानकारी नहीं है. हो सकता है कोई टेक्निकल एरर हो तो हम उसे दिखवाते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा वैसे हम समय-समय पर पुलिस सुधार के लिए जनता की राय लेते रहते हैं. अब इस सर्वे के क्या नतीजे आए ये भी हम आपको बताते हैं. 

पुलिस ने अपने पोल को तो X साइट से हटा लिया लेकिन हकीकत क्या है ये जानने के लिए NDTV की टीम ने राजधानी भोपाल के थानों को रिएलिटी चेक (Reality Check of Bhopal Police Stations) किया. इसमें हमने रात में लिस चौकियों और पुलिस गश्त का हाल जानने की कोशिश की. हमने अपनी पड़ताल की शुरुआत ओल्ड भोपाल के स्टेशन बजरिया इलाके से की जहां की दोनों चौकियों पर ताला लटका पड़ा था और पुलिसकर्मी नदारद थे. हम यहां सोमवार देर रात 2 बजे के करीब पहुंचे थे. हमने अपनी पड़ताल की शुरुआत ओल्ड भोपाल के स्टेशन बजरिया इलाके से की जहां की दोनों चौकियों पर ताला लटका पड़ा था. इसके बाद फिर हमने रुख किया भोपाल के हनुमानगंज थाने का. वहां भी हमें पुलिस चौकी पर ताला लटका मिला.

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भोपाल के पुलिस थानों पर यूं सोते मिले पुलिकर्मी

शाहजहानाबाद थाने की हकीकत ने तो हैरान कर दिया. यहां पुलिसकर्मी नींद की बुरी तरह गिरफ्त में थे. मारे सामने फरियादी थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे तो भी ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी की नींद नहीं टूटी. थक हार कर फरियादी थाने के अंदर से बाहर आ गए. फरियादी रफीक और आरिफ ने हमें बताया कि यहां अक्सर इसी तरीके के हालात रहते हैं. हम FIR दर्ज कराने आए थे लेकिन कोई नहीं मिला. इसी तरह कई थाने और पुलिस चौकियों की पड़ताल करते हुए रात 3:17 बजे एनडीटीवी की टीम वीवीआईपी थाने  श्यामला हिल्स पहुंची. यहां वायरलेस सेट जरूर गूंज रहे थे, कंप्यूटर सिस्टम भी चालू थे लेकिन पुलिस कर्मी अंदर आराम फरमा रहे थे. यही नहीं इसके बाद मेट्रो थाने के रूप में पहचाने जाने वाले हबीबगंज थाना क्षेत्र में हम पहुंचे तो यहां तस्वीर पुलिस की आंखे खोलने के लिए काफी थी. थाने में पुलिस हिरासत में लिए आरोपी जग रहे थे और पुलिसकर्मी सो रहे थे.   
जाहिर पुलिस के अपने ही पोल में जो नतीजे आए वे हकीकत के बेहद नजदीक दिख रहे हैं. कह सकते हैं कि पब्लिक की परीक्षा में पुलिस फेल हो गई.राजधानी भोपाल में आलम ये है कि चोरी के डर से खुद पुलिसकर्मी भी अपनी मोटरसाइकिल थानों के अंदर रखते हैं या फिर रात में थाने में ताला लगाना भी नहीं भूलते.

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