Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के उमरिया जिले से हैरान करने वाली घटना समय आई है. सबसे ज्यादा बाघों के लिए मशहूर जिले का बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व इन दिनों बाघों के आतंक को लेकर सुर्खियों में है. आंकड़े पर नजर मारे तो बीते 10 महीनों में बाघ ने यहां तकरीबन 8 लोगो को मौत दी है. वहीं 20 से अधिक लोग बाघ के जबड़े से आहत हो चुके है. ताजा मामला मानपुर और पतौर रेंज का है. जहां सुबह से लेकर शाम तक बाघ की दहशत से कोहराम मचा रहा. सुबह मवेशी चराने गए चरवाहा राममिलन चौधरी को बाघ ने अपना शिकार बना लिया. बाघ ने उनके दो मवेशियों को भी नहीं छोड़ा. इस हमले में राममिलन चौधरी की मौत हो गई. मामला उजागर होते ही इलाके में दहशत का माहौल है.
बाघ के हमले से लगातार हो रही मौतें
मानपुर बफर के जिस मचखेता इलाके में राममिलन चौधरी को बाघ ने शिकार बनाया है. साल 2011 में वहीं पर उसकी पत्नी को भी बाघ ने तेंदूपत्ता तोड़ने के दौरान मौत की नींद सुलाया था. पतौर रेंज के कसेरू गांव में बाघ डेरा जमाए हुए है. सटे गांव बमेरा में पिछले महीने एक बाघ ने घर में घुसकर किसान का शिकार का था. हालांकि ये सभी बाघ अलग-अलग है जिससे इलाके में दहशत का माहौल बना हुआ है. पार्क के अफसर मानते है कि इस समय क्षेत्र में दस से बारह बाघ सक्रिय है जिससे आमजन को खतरा हो सकता है.
आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल
बांधवगढ़ के बाघों का रिहायशी इलाकों में घुसना और बढ़ते हमलों के पीछे जंगल के बढ़ी हुई तादाद को माना जा रहा है. आंकड़े बताते है कि मौजूदा समय बांधवगढ़ में बाघों की संख्या 200 पार है. ऐसे में बाघों के लिहाज से बांधवगढ़ का क्षेत्र पर्याप्त नहीं है. जिससे हर बाघ अपना साम्राज्य स्थापित कर सके. ऐसे में कहा जा रहा है कि बाघों के लगातार हो रहे हमलों को रोकना है.....तो जंगल का क्षेत्रफल बढ़ाना पड़ेगा. बहरहाल, इस समय पार्क से सटे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है.