Nursing Scam: कार्टेल बना कर CBI के अफसर फर्जी नर्सिंग कॉलेजों से कर रहे थे लाखों की वसूली, जांच में चौंकाने वाली सच्चाई आई सामने

सीबीआई की जांच में ये बात सामने आई है कि जांच और क्लीन चिट के नाम पर सीबीआई के भ्रष्ट अफसर हर नर्सिंग कॉलेज से 2 से 10 लाख रुपये की रिश्वत ले रहे थे. कमियों के आधार पर रिश्वत की राशि तय होती थी. यानी जितनी ज्यादा कमी, उतनी ज्यादा रिश्वत ली जा रही थी.

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Madhya Pradesh Nursing Scam: पूरे मध्य प्रदेश में फैले फर्जी नर्सिंग कॉलेजों (Fake Nursuing Colleges) के जाल की सच्चाई सामने लाने की जिम्मेदारी हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने सीबीआई (CBI) के जिन अफसरों को सौंपी गई थी. वही भ्रष्ट निकले. जी हां ! ये हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि खुद सीबीआई की जांच में ये बात सामने आई है.

सीबीआई की अब तक की जांच के मुताबिक, फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रहे CBI के अफसर कार्टेल बनाकर वसूली कर रहे थे. वसूली के लिए सीबीआई के अफसरों ने बाकायदा दलालों का इस्तेमाल कर रहे थे. ये बातें मध्य प्रदेश में नर्सिंग फर्जीवाड़े के मामले में CBI की रेड में सामने आई है.

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सीबीआई की रेड में खुले राज

रेड के बाद सीबीआई की ओर से जो एफआईआर दर्ज की गई है, उससे खुलासा हुआ है कि फर्जीवाड़े में पटवारी से लेकर CBI के डिप्टी SP तक लिप्त थे. लिहाजा, एफआईआर में CBI के डिप्टी SP समेत चार अफसरों को आरोपी बनाया गया है. इनमें से सीबीआई के दो इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि सीबीआई के डिप्टी एसपी और एक इंस्पेक्टर अब भी आजाद घूम रहे हैं. इसके साथ ही सीबीआई ने नर्सिंग घोटाले में रिश्वत कांड के मामले में सीबीआई के भ्रष्ट अफसरों के कार्टेल का भी खुलासा किया है. सीबीआई की ओर से यह भी कहा गया है कि नर्सिंग कॉलेज के मालिकों से वसूली के लिए सीबीआई के अफसरों बाकायदा दलाल बना रखे थे.

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जहां जितनी खामी, उससे उतनी ज्यादा वसूली

सीबीआई की जांच में ये बात सामने आई है कि जांच और क्लीन चिट के नाम पर सीबीआई के भ्रष्ट अफसर हर नर्सिंग कॉलेज से 2 से 10 लाख रुपये की रिश्वत ले रहे थे. कमियों के आधार पर रिश्वत की राशि तय होती थी. यानी जितनी ज्यादा कमी, उतनी ज्यादा रिश्वत ली जा रही थी.

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पटवारी को भी कार्टेल में किया गया था शामिल

सीबीआई की जांच में ये बात भी सामने आई है कि निरीक्षण में शामिल पटवारी को भी वसूली टीम में शामिल किया था. जांच दल में शामिल पटवारी को 5 हज़ार से 20 हज़ार तक की  रिश्वत दी जाती थी. वहीं, दल में शामिल नर्सिंग ऑफिसर को 25 हज़ार से 50 हज़ार तक रिश्वत दी जाती थी. इस पूरे मामले में खास बात ये है सीबीआई के इंस्पेक्टर राहुल राज ने अपने राजस्थान में रहने वाले दोस्त को भी दलालों की सूची में शामिल कर रखा था. इसके साथ ही इंस्पेक्टर राहुल राज CBI की पूरी जानकारी शेयर करने के साथ ही मीटिंग भी करता था. सीबीआई की जांच में ये बात भी सामने आई है कि रिश्वत के तौर पर रतलाम से 400 ग्राम बुलियन (शुद्ध) सोना मंगवाया गया था. गौरतलब है कि सीबीआई ने इस पूरे मामले में अब 23 लोगों को आरोपी बनाया है. 

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