Satna में टिकट वितरण को लेकर BJP में विरोध, पुष्पराज-रानी बागरी का इस्तीफा, गगनेंद्र समर्थकों ने घेरा पार्टी कार्यालय

सतना में टिकट न मिलने से नाराज नेताओं के समर्थकों ने खुलकर विरोध किया. रैगांव के प्रत्याशी हों या नागौद के, सभी जगह भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.

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प्रतिमा बागरी को रैगांव और नागेंद्र सिंह को नागौद सीट से टिकट दिया गया है.

Madhya Pradesh Assembly Election News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 (Madhya Pradesh Assembly Election 2023) के लिए सतना जिले की सभी आठों सीट के प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगा दी है. इसके साथ ही टिकट न मिलने से नाराज नेताओं और समर्थकों ने बगावत भी शुरू कर दी है. रैगांव विधानसभा क्षेत्र से उप चुनाव में हार चुकी प्रतिमा बागरी (Pratima Bagri) को फिर से टिकट दिए जाने का विरोध करते हुए पूर्व मंत्री जुगुल किशोर बागरी (Jugul Kishore Bagri) के बेटे पुष्पराज बागरी (Pushparaj Bagri) ने इस्तीफा दे दिया. इसके साथ ही वरिष्ठ नेता रानी बागरी (Rani Bagri) ने भी सतना सांसद गणेश सिंह (Ganesh Singh) पर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है. वहीं नागौद में पूर्व मंत्री नागेंद्र सिंह (Nagendra Singh) को टिकट देने से नाराज भाजपा नेताओं और गगनेंद्र सिंह (Gagnendra Singh) के समर्थकों ने पार्टी कार्यालय का घेराव कर धरना दिया.

भाजपा कार्यकर्ताओं में गहरा असंतोष

सतना में टिकट न मिलने से नाराज नेताओं के समर्थकों ने खुलकर विरोध किया. रैगांव के प्रत्याशी हों या नागौद के, सभी जगह भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. नागौद से गगनेंद्र सिंह के समर्थकों ने नागेंद्र सिंह को टिकट दिए जाने पर जमकर नारेबाजी की. गगनेंद्र समर्थकों ने कहा कि पार्टी ने उस व्यक्ति को टिकट दिया है जो चुनाव न लड़ने की बात कह रहा था. अमरपाटन में फिलहाल दावेदारों ने खामोशी साध रखी है, लेकिन माना जा रहा कि मंत्री रामखेलावन पटेल को लेकर क्षेत्रीय लोगों में असंतोष है. यहां रामखेलावन पटेल के खिलाफ भले ही खुला विरोध प्रदर्शन न हो रहा हो लेकिन चुनाव में भितरघात का सामना करना पड़ सकता है.

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गगनेंद्र समर्थकों ने बीजेपी कार्यालय में दिया धरना

नागौद सीट पर नागेंद्र सिंह को भाजपा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए भाजपा कार्यालय परिसर पर धरना शुरू कर दिया. कार्यकर्ताओं का कहना है कि सर्वे में गगनेंद्र सिंह का नाम था और पार्टी ने ऐसे नेता को टिकट दिया जो खुद चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. ज्ञात हो कि गगनेंद्र सिंह के समर्थकों ने 2018 के चुनाव में भी उन पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का दबाव बनाया था. हालांकि तब संगठन उन्हें मनाने में कामयाब हो गया था. अब एक बार फिर धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है. गगनेंद्र सिंह के कार्यालय पन्ना नाका में समर्थकों ने डेरा डाल रखा है, जबकि कई कार्यकर्ता नाराज होकर नारेबाजी करते हुए बीजेपी कार्यालय पहुंच गए. गगनेंद्र सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने को लेकर आज बड़ी बैठक बुलाई गई है.

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उप चुनाव में 12 हजार वोट से हारी थीं प्रतिमा

उप चुनाव में भाजपा ने रैगांव सीट से प्रतिमा बागरी को उतारा था. तब प्रतिमा को 60699 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस प्रत्याशी कल्पना वर्मा को 72989 वोट मिले थे. जिसके बाद प्रतिमा बागरी को 12290 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. टिकट का विरोध करने वाले नेता पुष्पराज बागरी ने फेसबुक पर पोस्ट कर भाजपा के सर्वे को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है. उन्होंने भाजपा के सर्वे और वरिष्ठ नेताओं की बातें झूठी होने का भी आरोप लगाया है.

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उप चुनाव में भी हुआ था विरोध

पुष्पराज बागरी ने उप चुनाव के दौरान भी टिकट वितरण पर सवाल उठाते हुए विरोध जताया था. तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मनाने के बाद वे भाजपा के कार्यक्रम में गए थे. वहीं भाजपा नेता रानी बागरी ने भी इस्तीफा दे दिया है. रानी बागरी ने सांसद पर खुला आरोप लगाते हुए कहा कि सतना में सांसद जिसे चाहते हैं उसी को टिकट दिया जाता है. उन्होंने कहा कि प्रतिमा बागरी जो कर सकती हैं वह मैं नहीं कर सकती, मैं किसी की चरण वंदना नहीं कर सकती. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा की टिकट वितरण का सिस्टम समझ नहीं आया. पहले बोला गया कि तीन हजार वोटों से अधिक से हारे लोगों को टिकट नहीं देने की बात कही थी. अब उन्हीं लोगों को टिकट दी गई जो हारे हुए हैं.

भाजपा ने एक भी ब्राह्मण-वैश्य चेहरा नहीं उतारा

भारतीय जनता पार्टी ने यूं तो तमाम समीकरणों को साधने की कोशिश की, लेकिन ब्राह्मण और वैश्य समीकरण नहीं साध पाए. सतना जिले में भाजपा ने दो क्षत्रिय, दो ओबीसी और एक एसी वर्ग का उम्मीदवार मैदान में उतारा गया है. सतना से पूर्व विधायक शंकरलाल तिवारी का टिकट काटकर बीजेपी ने सांसद गणेश सिंह को चुनावी मैदान में उतार दिया है. वहीं कांग्रेस ने चित्रकूट, रामपुर बाघेलान के जरिए ब्राह्मणों को साधने की कोशिश की है. हालांकि कांग्रेस में भी क्षत्रिय वर्ग का कोटा खाली रह गया है.

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