Gwalior News: फर्जी जमानत देना पड़ा महंगा, अदालत ने सुनाई सात साल की सजा

अदालत ने फर्जी जमानतदार पर आरोप सिद्ध होने पर कठोर रुख अपनाते हुए सात साल की सजा सुनाई है. अदालत ने यह सजा फर्जी ऋण पुस्तिका लगाकर आरोपी को जमानत पर रिहा कराने के आरोप में सुनाई गई है. इसके साथ ही अदालत ने 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins

Madhya Pradesh News: ग्वालियर में आरोपी को फर्जी जमानत (fake bail) देना एक व्यक्ति को महंगा पड़ा गया. अदालत ने फर्जी जमानतदार पर आरोप सिद्ध होने पर कठोर रुख अपनाते हुए सात साल की सजा (imprisonment) सुनाई है. अदालत (Gwalior Court) ने यह सजा फर्जी ऋण पुस्तिका लगाकर आरोपी को जमानत पर रिहा कराने के आरोप में सुनाई गई है. इसके साथ ही अदालत ने 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

यह था पूरा मामला

अपर लोक अभियोजक जगदीश शाक्यवार ने कोर्ट के फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि मामला 24 अप्रैल 2019 का है. आरोपी सौरभ को रिहा करने के लिए उसकी जमानत देने नूरगंज निवासी महेश ने कोर्ट में जमानत के तौर पर एक ऋण पुस्तिका प्रस्तुत की थी. इसमे उसने खुद को ग्वालियर जिले के ग्राम सौंसा में स्थित जमीन का मालिक बताया था. लेकिन शक होने पर कोर्ट ने जब महेश से उस जमीन को लेकर सवाल-जवाब किया तो वह सही उत्तर नहीं दे पाया.

जांच में संदेह निकला सही

कोर्ट ने महेश के सौंसा में निवास को लेकर जांच कराई. जांच में पाया गया कि महेश यादव नाम का कोई व्यक्ति सौंसा गांव में निवास ही नहीं करता. इसी के आधार पर थाना इंदरगंज पुलिस ने महेश के खिलाफ अलग-अलग आपराधिक धाराओं में केस दर्ज किया था. जिन पर लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे 7 साल कैद की सजा सुनाई. इसके साथ ही 16 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

ये भी पढ़ें - IES Exam: एमपी के सारांश बने देश के सबसे कम उम्र के क्लास वन ऑफिसर, जानिए इनका सक्सेस मंत्र

Advertisement

ये भी पढ़ें - Indore News: मां ने मोबाइल का इस्तेमाल करने से रोका, तो 10वीं की छात्रा ने जान दे दी

Topics mentioned in this article