Madhya Pradesh Hindi News: द्वापर युग (Dvapara Yuga) में भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में अध्ययन के लिए आए थे. इस दौरान श्रीकृष्ण उज्जैन (Ujjain) सहित प्रदेश के कई जगहों पर गए. अब मोहन सरकार इन जगहों को तीर्थस्थल के रूप मे विकसित करने का फैसला लिया है. इसके लिए बुधवार को मध्य प्रदेश कैबिनेट (Madhya Pradesh Cabinet) ने एक न्यास के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है.
'श्री कृष्ण पाथेय न्यास' का होगा गठन
एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मध्य प्रदेश लोक न्यास अधिनियम 1951 (Madhya Pradesh Public Trust Act 1951) के तहत 'श्री कृष्ण पाथेय न्यास' के गठन का निर्णय लिया गया. मध्य प्रदेश में भगवान कृष्ण से जुड़े स्थलों को तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस न्यास का गठन किया जाएगा.
पर्यटन को ध्यान में रखकर किया जाएगा तीर्थस्थल को विकसित
न्यास को भगवान कृष्ण के मंदिरों की प्रबंधन योजना के क्रियान्वयन और संदीपनी गुरुकुल की स्थापना के लिए सुझाव आमंत्रित करने के अलावा पवित्र क्षेत्रों के साहित्यिक और सांस्कृतिक संरक्षण और संवर्धन का काम सौंपा गया है.
बता दें कि इन स्थलों को पर्यटन और अन्य पहलुओं की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए विकसित किया जाए.
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