शर्मनाक तस्वीर! पहले पति ने पत्नी को बेरहमी से पीटा, फिर गोद में अस्पताल लेकर पहुंचा; लेकिन नहीं मिले जिम्मेदार

मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में चौंकाने वाली घटना हुई. एक पति ने अपनी पत्नी को बेरहमी से पीटा, वह खौलती कड़ाही में गिर पड़ी, फिर पति गोद में अस्पताल लेकर पहुंचा. घटना ने “domestic violence hospital negligence” और “medical-system failure India” जैसे मुद्दों को उजागर किया.

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Domestic Violence Hospital Negligence: मऊगंज जिले से इंसानियत को झकझोर देने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां एक पति ने गुस्से में अपनी पत्नी को इतना पीटा कि वह खौलती सब्जी की कड़ाही में गिर गई. झुलसी हुई पत्नी को देखकर वही पति उसे गोद में उठाकर अस्पताल की ओर दौड़ पड़ा. एक ओर पति की बेरहमी ने रिश्ते को शर्मसार किया, तो दूसरी ओर अस्पताल की लापरवाही ने सरकारी सिस्टम की पोल खोल दी.

गुस्से में इतना पीटा कि कड़ाही में गिरी पत्नी

यह दर्दनाक घटना मऊगंज जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के पहाड़ी गांव की है. आरोपी बृजेश साकेत ने किसी बात को लेकर पत्नी सविता साकेत को बेरहमी से पीटा. मारपीट के दौरान सविता का संतुलन बिगड़ा और वह खौलती सब्जी की कड़ाही में गिर पड़ी. पूरे शरीर पर गंभीर जलन के निशान पड़ गए और वह तड़प उठी. हालत देखकर पति को अपने किए पर पछतावा हुआ और वह उसे गोद में उठाकर मदद के लिए अस्पताल की ओर भागा.

अस्पताल में इंसानियत ने फिर दम तोड़ा

लेकिन अस्पताल पहुंचने पर जो हुआ, वह और भी शर्मनाक था. जिला अस्पताल में डॉक्टर तो थे, लेकिन जिम्मेदारी कहीं नहीं थी. स्ट्रेचर की जगह पति ने पत्नी को अपनी गोद में उठाकर गलियारों में दौड़ लगाई. अस्पताल में न बेडशीट थी, न स्टाफ की तत्परता. ये नजारा देखकर हर कोई यही सोचने पर मजबूर हो गया कि “स्वस्थ मध्यप्रदेश” के दावे आखिर किस आधार पर किए जाते हैं?

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सीसीटीवी बोले, लेकिन सिस्टम खामोश

इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन हरकत में आया. कलेक्टर ने जांच दल बनाया और डिप्टी कलेक्टर एके द्विवेदी को जांच सौंपी गई. लेकिन जांच रिपोर्ट ने सारा मामला अस्पताल प्रबंधन के पक्ष में मोड़ दिया. रिपोर्ट में लिखा गया कि अस्पताल में कोई अव्यवस्था नहीं मिली. जबकि अस्पताल परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे खुद गवाही दे रहे हैं कि मरीज को गोद में उठाकर गलियारों में दौड़ना पड़ा.  

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कागज़ी दावों में दब गई हकीकत

मऊगंज जिला अस्पताल की यह तस्वीर सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि उस व्यवस्था का आइना है जिसमें इंसानियत और सिस्टम दोनों ही घायल पड़े हैं. जांच रिपोर्टों में सब कुछ “ठीक” बताया गया, लेकिन सच्चाई सबके सामने है.